नई दिल्ली। PUBG यानी प्लेयर्स अननोन्स बैटल ग्राउंड वो मोबाइल गेम है जो पूरी दुनिया में मशहूर है PUBG की दीवानगी यूं तो स्कूली छात्रों और युवाओं के सिर चढ़ कर बोल रही है। इस मोबाइल गेमिंग के दुष्परिणाम इतने भयानक होते हैं कि जिसके बारे में कल्पना करना भी मुश्किल है। मगर ये एडिक्शन डिसॉर्डर केवल बच्चों में ही नहीं 35-40 साल तक के लोगों में भी देखने को मिल रहा है। जिसका आम जीवन और मस्तिष्क पर बेहद घातक परिणाम होता है।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर का पुजारी भी इसके प्रभाव से नहीं बच पाया. हैदराबाद पुलिस ने मंदिर के ऐसे ही एक पुजारी को गिरफ्तार किया है. इस पुजारी पर महंगी स्पोर्ट्स साइकिल चुराने का आरोप है 19 साल के इस युवा पुजारी को पबजी गेम की लत लग गई थी. इतना ही नहीं वो अपने नाजायज शौक पूरे करने के लिए लोगों की साइकिलें चुराता था. नंदुला सिद्धार्थ शर्मा ने वेद की पढ़ाई की है और पास के मंदिर में ही पुजारी है।
सिद्धार्थ, मौला अली के मंगापुरम कॉलोनी में अपनी मां के साथ रहता है. वह काफी समय से पास के मंदिर में बतौर पुजारी काम कर रहा था लेकिन हाल के दिनों में उसे पबजी मोबाइल गेम की बुरी लत लग गई थी. वो अपने ठाठ वाले शौक पूरा करने के लिए अक्सर मां के साथ झगड़ा करता था. जब घर से उसे पैसे नहीं मिले तो उसने पड़ोसियों के साइकिल उड़ानी शुरू कर दी।
पुजारी को आसपास में जो भी साइकिल खड़ी मिलती थी वो अपने नाजायज शौक पूरा करने के लिए उसे चुरा कर बेच देता था। इस युवा पुजारी ने अब तक कुल 31 साइकिल चुराई है. लेकिन गुरुवार को उसकी चोरी जगजाहिर हो गई, जब मलकाजगिरी थाने स्थित हैदराबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने सिद्धार्थ के पास से 17 साइकिलें भी बरामद की हैं।
नशे में बदल जाती है एप पर लाइव रहने की आदत
इंटरनेट पर ऑनलाइन गेमिंग और एप पर लाइव रहने की खुमारी एक नशे में बदल जाती है। ज्यादातर को इस बात की भनक ही नहीं लग पाती कि जिस गेम या एप को वे चला रहे हैं उसके लिए उनकी दीवानगी उन्हें रोगी बना चुकी है। खासकर बच्चे या किशोर इसमें ज्यादा उलझ जाते हैं। कुछ समझदार लोग ही इसे पहचान कर अस्पताल या काउंसलर तक पहुंच पाते हैं।