तेलंगाना पुलिस ने 17 रोहिंग्या के खिलाफ दर्ज किया केस, 4 कोरोना पॉजिटिव
तेलंगाना पुलिस ने 17 रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनमें से 4 कोरोनो पॉजिटिव हैं.
म्यामांर के रहने वाले 17 रोहिंग्या मुसलमानों के एक समूह के खिलाफ तेलंगाना पुलिस ने केस दर्ज किया है. सभी 17 रोहिंग्या समुदाय के लोग शहर में धार्मिक जलसे में हिस्सा ले रहे थे, जबकि देशव्यापी लॉकडाउन लागू है. इस ग्रुप में 2 लोग जम्मू-कश्मीर, 4 सदस्य मेवात हरियाणा, 11 हैदराबाद के बालापुर कैम्प में रह रहे थे, तबलीगी जमात से इनका कनेक्शन सामने आया है.
पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन सभी का जमात कनेक्शन है. पुलिस के लिए चौकन्ना होने वाली खबर यह है कि रोहिंग्या समुदाय के जमात कनेक्शन होने से कोरोना वायरस के मामलों में और बढ़ोतरी आ सकती है. गृह मंत्रालय ने राज्यों के पुलिस चीफ को इस संबंध में चिट्ठी भी लिखी है.
गृह मंत्रालय का साफ निर्देश है कि ऐसे विदेशियों की तलाशी की जाए जो अपने युद्धग्रस्त देश को छोड़कर आए हैं और जिनका तबलीगी जमात के साथ कनेक्शन है. सभी का कोरोना टेस्ट कराया जाए. खुफिया इनपुट के आधार पर 17 लोगों की बीते सप्ताह गिरफ्तारी हुई, जिनके सैंपल को टेस्टिंग के लिए भेजा गया.
गिरफ्तार लोगों में से 4 लोगों ने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में हिस्सा लिया था. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इन्हें क्वारनटीन किया गया था, वहीं हैदराबाद में रह रहे लोगों को भी आइसोलेशन में भेजा गया था.
12 वियतनाम के नागरिकों पर भी केस दर्ज
महामारी अधिनियम, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और अन्य कानूनों के तहत टाउन पुलिस स्टेशन नलगोंडा में इन पर केस दर्ज किया गया है. रोहिंग्या मुसलमानों के अलावा 12 वियतनाम के नागरिकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन पर वीजा के उल्लंघन का केस है, जो धार्मिक उपदेश दे रहे थे.
राज्य पुलिस रोहिंग्या समुदाय के लोगों के बारे में और जानकारी हासिल कर रही है. हैदराबाद के बालापुर और शाहीननगर में 5000 के करीब रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं. ऐसे में सरकार के लिए सबको ट्रेस कर पाना मुश्किल हो रहा है.
जमात और रोहिंग्या का लिंक
तेलंगाना पुलिस ने सेंट्रल अथॉरिटी को लिखे पत्र में कहा है कि जमात और रोहिंग्या का लिंक है. बालापुर में इंडिया टुडे की टीम जब गई तो बताया गया कि रोहिंग्या शरणार्थियों को प्रशासनिक मदद मिल रही है. लॉकडाउन की वजह से उनका काम ठप पड़ा है और उनका कहना है कि अगर सरकारी मदद नहीं मिली तो भुखमरी की नौबत आ सकती है.