2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में एक और गवाह मुकर गया है। अभियोजन पक्ष ने बताया कि ये अठारहवां गवाह है जो अपनी गवाही से मुकरा है। बता दें कि मालेगांव में साल 2008 में हुए बम ब्लास्ट मामले में 6 लोगों की मौत हुई थी वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
एनआईए के मुताबिक बयान से मुकरने वाला नया गवाह मध्य प्रदेश का रहने वाला है. गवाह (Witness) होटल मालिक एटीएस और एनआईए को दिए गए अपने पहले बयानों से अब मुकर गया है. यह गवाह ब्लास्ट मामले में तीन आरोपियों कर्नल प्रसाद पुरोहित, अजय रहीरकर और सुधाकर चतुर्वेदी से संबंधित है.
एनआईए ने सोमवार को दिन-प्रतिदिन के आधार पर मुकदमे का संचालन कर रहे विशेष एनआईए न्यायाधीश पी आर सित्रे के समक्ष 232वां गवाह पेश किया। गवाह ने अदालत को सूचित किया कि उसे कुछ भी याद नहीं है और अदालत में मौजूद कर्नल पुरोहित की पहचान करने में विफल रहा। इससे पहले गवाह के बयान तीन बार दर्ज किए गए थे, एक बार महाराष्ट्र एटीएस द्वारा और दो बार एनआईए द्वारा मामले को संभालने के बाद।
एनआईए ने सोमवार को दिन-प्रतिदिन के आधार पर मुकदमे का संचालन कर रहे विशेष एनआईए न्यायाधीश पी आर सित्रे के समक्ष 232वां गवाह पेश किया। गवाह ने अदालत को सूचित किया कि उसे कुछ भी याद नहीं है और अदालत में मौजूद कर्नल पुरोहित की पहचान करने में विफल रहा। इससे पहले गवाह के बयान तीन बार दर्ज किए गए थे, एक बार महाराष्ट्र एटीएस द्वारा और दो बार एनआईए द्वारा मामले को संभालने के बाद।
गवाह होटल मालिक ने बताया कि कर्नल पुरोहित ने ट्रेनिंग के लिए एयर राइफल की व्यवस्था करने के लिए उससे कहा था, लेकिन वह इसकी व्यवस्था नहीं कर सका. अब गवाह अपने बयान से मुकर गया है. जिसके बाद विस्फोट पीड़ितों ने चिंता जताई है. उनका कहना है कि बड़ी संख्या में गवाह अपने बयानों से मुकर गए. बता दें कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास बाइक में बंधा एक विस्फोटक उपकरण फट गया था. इस घटना में 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
2 नवंबर 2018 को शुरू हुआ ट्रायल
इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी,सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी आरोपी हैं. 2 नवंबर 2018 को शुरू हुए ट्रायल में जांच एजेंसी ने करीब 286 गवाहों की एक लिस्ट जारी की थी. इसमें डॉक्टर, पुलिस अधिकारी, फोरेंसिक विषेषज्ञ और पांच गावह शामिल हैं. कोर्ट ने 30 अक्टूबर 2018 को सभी 7 आरोपियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों , आपराधिक साजिक और हत्या के मामले में आरोप तय किए थे. सभी पर यूएपीए के तहत केस भी चलाया गया.