NOK controversy News: कैप्टन अंशुमान के NOK विवाद के बाद CM मोहन का बड़ा फैसला- शहीद के माता-पिता और पत्नी को मिलेगा बराबर का हिस्सा
जहां शहीद अंशुमान के माता-पिता NOK में बदलाव की लगातार मांग कर रहे हैं। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राशि बंटवारे को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है।
NOK controversy News : एक तरफ कैप्टन अंशुमान सिंह के शहीद होने के बाद NOK (Next TO Kin) को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। वही। इस मामले पर मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव ने बड़ी बात कह दी है। यादव ने कहा, प्रदेश के किसी भी जवान के शहीद होने पर दिए जाने वाली राशि में से 50 प्रतिशत पत्नी को और 50 प्रतिशत शहीद के माता-पिता को दी जाएगी।
दरअसल नियम है कि NOK के तहत जवान के शहीद हो जाने पर अगर उनकी शादी नहीं हुई होती है तो सरकार की तरफ से दी गई राशि पर माता-पिता का हक होता है, लेकिन जब जवान की शादी हो चुकी रहती है तो यह सारी राशि उन की पत्नी को दे दी जाती है।
इस बाबत शहीद अंशुमान के माता-पिता NOK में नियम बदलाव की मांग कर रहे हैं। उन का कहना है कि शहीद कैप्टन अंशुमान को जो कीर्ति चक्र मिला था वो भी उन की पत्नी स्मृति सिंह अपने साथ लेकर जा चुकी है और अब अगर राशि भी उन्हीं को दी जाएगी तो फिर माता-पिता के पास अपने शहीद बेटे की क्या निशानी बची रहेगी। जिसके बाद मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव ने NOK पर बड़ी घोषणा कर दी है।
क्या बोले मोहन यादव
जानकारी हो कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य की पुलिस के एक कार्यक्रम में शहीदों के परिवार को मिलने वाली राशि के बंटवारे पर चल रहे विवाद के बीच बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब से प्रदेश के किसी भी जवान के शहीद होने पर दिए जाने वाले 1 करोड़ रुपये की राशि में से 50 प्रतिशत पत्नी को और 50 प्रतिशत माता-पिता को दी जाएगी।
क्या है NOK का नियम ?
दरअसल NOK को कानूनी उत्तराधिकारी भी कह सकते हैं। इसका मानें हुए कि कि जो भी जवान सेना में शामिल होता है अगर उसे कुछ हो जाता है तो राशि उसके NOK को ही दी जाएगी। सेना में जब जवान भर्ती होने के समय इस NOK में उस के माता-पिता का नाम दर्ज होतो है लेकिन शादी के बाद जवान की पत्नी या पति का नाम दर्ज कर लिया जाता है और अनुग्रह राशि उन को दे दी जाती है।
कब शहीद हुए कैप्टन अंशुमान
गौरतलब है कि कैप्टन अंशुमान सिंह बीते 19 जुलाई 2023 को सियाचिन में तैनाती के दौरान शहीद हो गए थे। एक बंकर में आग लग गई थी, जिस बंकर से कैप्टन अंशुमान दूर थे, उन के तीन साथी बंकर में फंस गए थे और अपने साथियों को बचाने के लिए अंशुमान आग में कूद गए और बुरी तरह झुलस गए थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया था ।
जानकारी दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां से मुलाकात की थी। शहीद कैप्टन की मां ने बाद में अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए सरकार से सेना को दो श्रेणियों में नहीं बांटने का आग्रह भी किया था।शहीद कैप्टन की मां ने यह अपील ऐसे समय की थी जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी अग्निपथ योजना पर लगातार सवाल उठाते रहे। राहुल ने दावा किया था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में शहीद अग्निवीरों के परिवारों को मुआवजे के मुद्दे पर ‘झूठ’ बोला है।