राजस्थान के कोटा में एक महीने के लिए धारा 144 लागू, जाने क्या है वजह

Update: 2022-03-22 05:21 GMT

राजस्थान के कोटा जिले में आज यानी मंगलवार को सुबह 6 बजे से धारा 144 लागू करने के आदेश जिला कलेक्टर द्वारा जारी कर दिए गए हैं। सोमवर को जारी इस आदेश में कहा गया है कि 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोटा में 22 मार्च से 21 अप्रैल तक धारा 144 लागू रहेगी। फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इन पाबंदियों के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मामले में दखल देने की मांग की है। विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, "प्रिय अनुराग ठाकुर जी, अगर लोकतंत्र में राज्य द्वारा 'न्याय के अधिकार' पर बनी फिल्म को नाकाम किया जाता है, तो फिर हमें न्याय के बारे में क्या सोचना चाहिए?''

इसके अलावा विवेक अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री को टैग कर कहा, 'प्रिय अशोक गहलोत जी, आतंकियों की ताकत सिर्फ इतनी है कि वह डर पैदा करते हैं और हम डर जाते हैं'। वहीं निर्देशक ने 'द कश्मीर फाइल्स' के दर्शकों को संबोधित करते हुए लिखा, 'यह आपके लिए न्याय का समय है।'

आदेश में कहा गया है कि संवेदनशील त्योहारों जैसे महावीर जयंती, गुड फ्राइडे, वैशाखी आदि के साथ ही सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के मद्देनजर भीड़ के एकत्रीकरण, धरना प्रदर्शन, सभा और जुलूस पर रोक लगाना आवश्यक है। 22 मार्च से 21 अप्रैल तक जिले में धारा 144 लागू रहेगी। यानी एक महीने तक कोटा में एक साथ एक जगह पर 5 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर रोक रहेगी।

दूसरी ओर जिला प्रशासन के इस फैसले को लेकर कोटा उत्तर से पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने बयान जारी किया है। गुंजल ने कहा कि सरकार ने महिला मोर्चा के चंडी मार्च को देखते हुए कोटा में धारा 144 लगाई है। इसके पहले भी सरकार कोटा उत्तर में विशाल प्रदर्शन होने से पहले धारा 144 लगा चुकी है, लेकिन इसका कोई फर्क नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोटा में आज विशाल चंडी मार्च महिलाओं के द्वारा निकाला जाएगा। जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं मौजूद होंगी।

गुंजल का कहना है कि संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने जिस तरह का बयान विधानसभा में दिया था, उससे महिलाओं को मानसिक प्रताड़ना मिली है। ऐसे में दुनिया की कोई ताकत महिला चंडी मार्च को नहीं रोक सकती, चाहे पुलिस लाठीचार्ज करे या गिरफ्तारी करे।



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