कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात पुरुष कर्मचारियों को हटाने के फैसले का विद्यालय में तैनात कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसी क्रम में जनपद स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के स्टाफ ने काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज करवाया। बताते चलें कि जनपद में कुल 21 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। इनमें कुल 30 पुरुष कर्मचारी तैनात हैं।
शासन के इस निर्णय के बाद कस्तूरबा विद्यालयों में तैनात कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। जिसके विरोध में सोमवार को जनपद के समस्त कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के कर्मचारियों और बच्चों ने विद्यालय में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने बताया कि यदि विद्यालय में पुरुषों की तैनाती नहीं होगी तो बालिकाओं की सुरक्षा कैसे होगी। विद्यालय में यदि पुरुष कर्मचारी नहीं होंगे तो महिलाएं बाहरी कार्यों को कैसे निपटाएंगी।
कस्तूरबा विद्यालयों में लेखाकार, चपरासी व चौकीदार पद पर पुरुषों की तैनाती की गई थी। पुरुष कर्मचारी न होने से गैस सिलेंडर सहित अन्य काम प्रभावित होंगे। बताते चलें कि यूपी के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अब सिर्फ महिला शिक्षकों और कर्मचारियों की ही तैनात की जाएंगी। नए सत्र से पुरुष शिक्षक व कर्मचारियों का नवीनीकरण नहीं होगा, जिससे उन पर छंटनी की तलवार लटक रही है। कर्मचारियों ने कहा कि यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो हम लोग बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस दौरान कर्मचारियों ने रानी की सराय, जहानागंज, पवई आदि जगहों पर कर्मचारियों ने विद्यालय में प्रदर्शन किया।
शासन की तरफ से इन्हें नए सत्र से हटाने का निर्देश दिया गया है। अभी तक इन्हें हटाया नहीं गया है लेकिन शासन का निर्देश है तो इसका पालन किया जाएगा। - सुरेंद्र यादव, डिस्टि्क्ट कोआर्डिनेटर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय।
सोमवार को आजमगढ़ जिले में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के स्टाफ ने काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज करवाया। आजमगढ़ जिले में कुल 21 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हैं।
इनमें तैनात पुरुष कर्मचारियों को नए सत्र से हटाने का निर्देश शासन की ओर से जारी किया गया है। जिससे इन विद्यालयों में तैनात पुरुष कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। विरोध में सोमवार को जनपद के समस्त कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के कर्मचारियों और बच्चों ने विद्यालय में प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों ने बताया कि यदि विद्यालय में पुरुषों की तैनाती नहीं होगी तो बालिकाओं की सुरक्षा कैसे होगी। विद्यालय में यदि पुरुष कर्मचारी नहीं होंगे तो महिलाएं बाहरी कार्यों को कैसे निपटाएंगी। कस्तूरबा विद्यालयों में लेखाकार, चपरासी व चौकीदार पद पर पुरुषों की तैनाती की गई थी।
पुरुष कर्मचारी न होने से गैस सिलिंडर सहित अन्य काम प्रभावित होंगे। बताते चलें कि यूपी के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अब सिर्फ महिला शिक्षकों और कर्मचारियों की ही तैनात की जाएंगी।
नए सत्र से पुरुष शिक्षक व कर्मचारियों का नवीनीकरण नहीं होगा, जिससे उन पर छंटनी की तलवार लटक रही है। कर्मचारियों ने कहा कि यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो हम लोग बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।