बलिया में स्वास्थ्य विभाग में किराये पर ली गयी गाड़ियों के मामले में जमकर खेल हो रहा है।स्वास्थ्य विभाग में टैक्सी के रूप में अटैच गाड़ियां बगैर कामर्शियल परमिट के चल रही हैं।जिसके चलते सरकार को लाखों का राजस्व घाटा भी उठाना पड़ रहा है।लेकिन इस गड़बड़झाले को लेकर जिम्मेदार अफसर खामोश बैठे हैं।बताया जा रहा है कि बलिया स्वास्थ्य विभाग में 57 गाड़ियां बतौर टैक्सी अटैच हैं।
जिनका विभाग लाखों में किराए के रूप में भुगतान करता है।ये गाड़ियां टेंडर के जरिये ठेके पर किराये पर ली गयी हैं।लेकिन मजेदार बात ये है कि इनमें से तमाम गाड़ियों के पास कमर्शियल परमिट ही नही हैं।जबकि बगैर कमर्शियल परमिट गाड़ियां किराये पर नही चल सकती।लेकिन ठेकेदारों ने प्राइवेट या पर्सनल गाड़ियों को स्वास्थ्य विभाग को किराये पर दे रखा है,
और हर माह मोटा किराया ले रहे हैं।जबकि सरकार को राजस्व की चपत लग रही है।बगैर परमिट गाड़ियां किराये पर फर्राटा भर रही हैं।गाड़ी मालिकों को जमकर मुनाफा हो रहा है।जबकि जिम्मेदार अफसर इस घोटाले को लेकर खामोश बने हुए है।ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवाल खड़े हो रहे हैं।