बाराबंकी: संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग जलकर दिव्यांग की मौत
पंचम लाल साधु प्रवृति का था। उसकी किसी से भी दुश्मनी नहीं थी।
बाराबंकी। बाराबंकी थाना क्षेत्र के गांव मल्लाहन का पुरवा मजरे शरीफाबाद में नदी के किनारे झोपड़ी में बीती रात संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। अग्निकांड में झोपड़ी के अंदर सो रहे दिव्यांग की जलकर मौत हो गई। शनिवार की सुबह नदी की ओर गए ग्रामीणों ने जली झोपड़ी देखी तो पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
बतादें कि सुबेहा थाना क्षेत्र के गांव मल्लाहन का पुरवा मजरे शरीफाबाद गांव में 75 वर्षीय पंचम लाल दिव्यांग था। उसका विवाह भी नहीं हुआ था। वह गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर गोमती नदी के किनारे झोपड़ी बनाकर रहता था और पूजा पाठ करता था। शुक्रवार की रात को वह अपनी झोपड़ी के अंदर सोया हुआ था। अचानक उसमें आग लग गई। अग्निकांड में वृद्ध पंचम लाल झोपड़ी के अंदर ही जल गया। शनिवार की सुबह नदी की ओर गए ग्रामीणों ने पंचम लाल की जली हुई झोपड़ी देखी। कुछ ही देर में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। इसी बीच ग्रामीणों को पंचम लाल का शव दिखाई दिया। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।
पंचम लाल की झोपड़ी में आग कैसे लगी यह कोई नहीं बता पा रहा। ग्रामीणों का कहना है कि पंचम लाल गांव से आधा किलोमीटर की दूरी पर रहता था। वहीं पर वह पूजा-पाठ किया करता था। सुबह शाम नदी की ओर जाने वाले ग्रामीण पंचम लाल की झोपड़ी तक जाते थे और कुछ देर हो ही बैठते थे। वह साधु प्रवृति का था। उसकी किसी से भी दुश्मनी नहीं थी। आग लगने का कारण भी ग्रामीण नहीं बता पाए। ग्रामीणों का अनुमान है कि पंचम लाल ने मच्छरों को भगाने के लिए आग सुलगाई होगी। उसके बाद सो गया होगा। रात में चिंगारी से झोपड़ी में आग लगी होगी।