सार्ट सर्किट से लगी आग में पूरा गांव जलकर राख, खुलेआस्मान के नीचे बसर करने को मजबूर हुए लोग
नही मिली प्रसाशनिक मदद, जनप्रतिनिधियो ने भी मुह मोड़ा
बाराबंकी
कोई एक तिनका का मोहताज हो गया । तो कोई तन ढकने लायक नही बचा। वही कईयों के अरमानो पर गाज गिर गयी । दौड़ो बचाव बचाव, के शोर के बीच चारो तरफ से गूंजती चीख पुकार को जिसने सुना मदद को दौड़ पड़ा। लेकिन तब तक आग के तांडव ने ऐसा विक्राल रूप धारण कर लिया कि कुछ ही देर में पूरा गांव अपनी आगोश में लेकर खाक कर दिया। जी हां हम बात कर रहे है बल्लीपुर की यहाँ सार्ट सर्किट से लगी आग के बाद चारो तरफ सिर्फ तबाही का मंजर शेष बचा है।
थाना जहाँगीराबाद इलाके में हुई घटना
कस्बा जहाँगीराबाद के पास एक छोटा गांव बल्लीपुर है जिसमे करीब डेढ़ दर्जन घर है। जो ज्यादातर फूस और कच्ची दिवालो पर बने है। दोपहर 2 बजे सॉर्ट सर्किट से बुद्धू के घर मे आग लग गयी । लोग इसे बुझाते इससे पहले चल रही तेज हवाओं की मदद से आग ने गांव के हर हर तक पहुच कर आबादी का नामोनिशान मिटा दिया। आग इतनी भयानक थी कि ग्रामीणों की हर कोसिस नाकाम साबित हुई । फायर ब्रिगेट की कई गाड़िया मौके पर पहुची जरूर लेकिन सिवाय सुलगती चिंगारियों को बुझाने के और कोई काम नही कर पायी।
खुला तन बदन, भूखा पेट भगवान सहारे
गांव के बल्लू, प्रेम कुमार, जगदीश,कल्लू,बहुरी, राजेन्द्र,बलराम , स्वराज, तिलक राम, अशरफी, पापु, नरेश, ज्ञान सिंह समेत डेढ़ दर्जन गरीबो को अब सिर्फ खुलेआस्मान के नीचे रहकर कर भगवान का सहारा बचा है। गांव का ऐसा कोई घर नही बचा जिसका अनाज, कपड़ा, बर्तन, नगदी, गहने, अंत तरह तरह की गृहस्थी, बच्चो की किताबो से लेकर पीने लायक हैंडपम्प तक जलकर अपने वजूद तक नही बचा पाए।
हाय भगवान इतने बेरहम हो गए
घटना के बाद अपना सर पीटते, रोते, चिल्लाते, बड़े बुजुर्गों के साथ सिसकते, चीखते मासूमो को जिसने भी देखा है करके रह गया। उनके मुह से बर्बक यही निकला कि ये भगवान आप भी इतने बेरहम हो गए। इस अग्निकांड के बाद साम तक पीड़ितो का दर्द बांटने न कोई जनप्रतिनिधि पहुच पाया है। न कोई प्रसाशनिक अमला । भूखे प्यासे लोग भगवान भरोशे है। इस घटना में नुकसान का सही आंकड़ा लगाना मुश्किल है । लेकिन चर्चा के मुताबिक लाखो का नुकसान हो गया है।