विवेक तिवारी हत्याकांड पर DGP ने कही बड़ी बात, एक-दो कांस्टेबल यूपी पुलिस के ब्रांड एंबेसडर नहीं हो सकते

Update: 2018-10-07 10:33 GMT
UP DGP OP Singh (File Photo)

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने विवेक तिवारी हत्याकांड पर कहा कि केवल दो कॉन्स्टेबल के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम करना गलत है. विवेक तिवारी जैसी घटना गलत है और हम सभी को उसका दुख है.

बता दें कि लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस के कई सिपाहियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया, वहीं विरोध में सोशल मीडिया का भी सहारा लिया. उधर मामले में यूपी पुलिस की तरफ से अब कई सिपाहियों पर कार्रवाई हो चुकी है.

इस बीच प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को बाराबंकी में कहा कि एक-दो कांस्टेबल यूपी पुलिस के ब्रांड एंबेसडर नहीं हो सकते हैं.डीजीपी ने विवेक तिवारी हत्याकांड पर कहा कि केवल दो कॉन्स्टेबल के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम करना गलत है. विवेक तिवारी जैसी घटना गलत है और हम सभी को उसका दुख है.

डीजीपी ने पुलिसकर्मियों की आत्महत्या पर कहा कि पिछले तीन-चार सालों में 10 से 12 पुलिसवालों ने आत्महत्या की है. इस साल भी आत्महत्या का ग्राफ बीते सालों के बराबर रहा है. डीजीपी ने कहा कि केवल नौकरी में तनाव के चलते ही पुलिसकर्मी आत्महत्या नहीं करते हैं. पारिवारिक तनाव भी आत्महत्या की वजह है. दबाव से निपटने के लिए पुलिस विभाग में काउंसिलिग की व्यवस्था की गई है.

बता दें राजधानी लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद आरोपी सिपाहियों के पक्ष में मुहिम छेड़ने वाले दो और सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है. इसमें एक सिपाही लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली में तैनात बृजेश तोमर है जबकि दूसरा बरेली में तैनात नीरज माथुर है. बता दें कि कुछ दिनों पहले हजरतगंज कोतवाली में तैनात बृजेश तोमर को बेस्ट कांस्टेबल ऑफ द मंथ का अवार्ड दिया गया था.

गौरतलब है कि कुछ संगठनों ने 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाने की मुहिम सोशल मीडिया पर शुरू की थी. इसका असर राजधानी में देखने को मिला. हालांकि इस बीच सोशल मीडिया पर विरोध का स्वर मुखर करने वाले दो बर्खास्तं सिपाहियों अविनाश पाठक और विजेंद्र यादव की गिरफ्तारी की बात भी सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि डीजीपी के निर्देश के बाद दोनों को वाराणसी में गिरफ्तार किया गया है

पिछले दो माह की बात की जाय तो पुलिस विभाग में आईपीएस से लेकर पीपीएस तक और इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक की लोग आत्महत्या कर चुके है. लेकिन जिस तरह दो माह के भीतर यह संख्या आई है उतनी पहले कभी नहीं थी. इस बार महिला पुलिस कर्मी भी इसमें शामिल है.  

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