यूपी में कहीं आईजी तो कहीं थानेदार पिट रहे है, कहीं थप्पड़ तो कहीं पिस्टल से बार
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का भगवा आतंक अब हार के डर से और बढ़ता नजर आ रहा है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का भगवा आतंक अब हार के डर से और बढ़ता नजर आ रहा है. शुक्रवार को मुरादाबाद में आईजी से हाथापाई की नौबत तो बाराबंकी में विधायक पुत्र ने थानेदार पार बोला हमला. बोले खड़े खड़े फूंक दूंगा पूरा थाना. दरोगा डर से भाग खड़ा हुआ.
14 सालों तक वनवास काटकर उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी के नेताओं पर सत्ता का नशा सिर चढ़ कर बोल रहा है. नशा भी इस कदर चढ़ा है कि उससे आम जनता तो क्या पुलिस महकमा भी परेशान है. आलम यह है कि खुद पुलिस वाले कहने लगे हैं कि नौकरी करना बहुत मुश्किल हो गया है. ऐसा ही एक मामला बाराबंकी के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र से सामने आया है. जहां एक बीजेपी नेता ने पुलिसवाले के साथ न सिर्फ अभद्रता की बल्कि उसके ऊपर पिस्तौल भी तान दी.
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के गुंडा राज खत्म करने के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं. सरेआम गुंडागर्दी करते हुए बीजेपी के नेता सरकार के दावों को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं. ताजा मामला बाराबंकी के हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है. जहां बीजेपी के पूर्व विधायक सुंदर लाल दीक्षित के बेटे पंकज दीक्षित की दबंगई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. पंकज दीक्षित पर आरोप है कि उन्होंने किसी दूसरे की जमीन पर कब्जा कराने के लिए सत्ता के बल पर एसआई शीतला प्रसाद मिश्रा पर रिवॉल्वर तानकर उन्हें धमकाने का काम किया है.
बीजेपी के पूर्व विधायक सुंदरलाल दीक्षित के बेटे पंकज दीक्षित से जब बात की गई तो उन्होंने दारोगा पर रिवाल्वर तानने की बात से साफ इनकार किया. पंकज दीक्षित ने सत्ता की धौंस दिखाते हुए कहा कि मैं बीजेपी का नगर अध्यक्ष हूं. मेरी एक आवाज पर सैकड़ों कार्यकर्ता आकर खड़े हो जाएंगे. मैं छोटे से काम के लिए दारोगा पर रिवाल्वर क्यों तानूंगा. पंकज दीक्षित ने सारा आरोप दारोगा शीतला प्रसाद मिश्रा पर मढ़ दिया. उन्होंने कहा कि शीतला प्रसाद मिश्रा ने दूसरे पक्ष से रुपए लेकर एक तरफा कार्रवाई की है. इसलिए हमने उनके खिलाफ आवाज उठाई है. मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं.
दूसरा मामला मुरादाबाद का है जहां आईजी रेंज विनोद कुमार सिंह और भाजपा पार्षद अजय दिवाकर के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हो गई। हालत इस कदर खराब हो गए कि दोनों के बीच हाथापाई होने की नौबत तक आ गयी। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने किसी तरह पार्षद को वहां से हटाया तब जाकर मामला शांत हुआ।
उत्तर प्रदेश पुलिस के तेज़तर्रार अधिकारियों में शामिल आईजी वी के सिंह बीती शाम मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम पहुंचे थे। स्वर्गीय पूर्व महापौर बीना अग्रवाल की स्मृति में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच था। इसी प्रतियोगिता के फाइनल मैच के पुरुस्कार वितरण में आईजी वी के सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। कार्यक्रम में भाजपा मेयर विनोद अग्रवाल, नगर आयुक्त अवनीश कुमार , ब्लाक प्रमुख मूंढापांडे ललित कौशिक, संयोजिका बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रिया अग्रवाल और भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। मंच से खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुए आईजी वी के सिंह बैठे हुए थे। इस दौरान आईजी स्टेडियम की सुविधाओं को लेकर अपनी राय दे रहे थे और आवश्यक सुविधाओं को जुटाने का आश्वासन दे कर लोगों से सहयोग की अपील कर रहे थे। इसी दौरान भाजपा पार्षद अजय दिवाकर स्टेडियम में पहुंचे और आईजी के सामने कुर्सी पर बैठ गए। कुर्सी पर बैठने को लेकर आईजी ने पार्षद को टोक दिया तो पार्षद इसे भाजपा के सम्मान से जोड़कर बिखर पड़े । पार्षद ने खुद को भाजपा पार्षद बताते हुए आईजी को कार्यकर्ताओं का सम्मान करने की नसीहत दे दी। देखते ही देखते मामला बढ़ता चला गया।
आईजी से हॉट टॉक होते देख आयोजक और पुलिस कर्मी भी सन्न रह गए। बामुश्किल पार्षद अजय दिवाकर को पुलिस कर्मियों ने कार्यक्रम से बाहर ले जाने की कोशिश की, लेकिन पार्षद किसी तरह भी शांत नहीं हो रहे थे ! पार्षद के मुताबिक सरकारी अधिकारी कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं दे रहे है और इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। भाजपा नेताओं ने बामुश्किल आईजी और पार्षद को शांत करवाया। पुलिस अधिकारी और सत्ताधारी दल के पार्षद के बीच हुई इस गर्मागर्म बहस के बाद आईजी अपना सम्बोधन बीच में अधूरा छोड़कर कार्यक्रम स्थल से वापस चले गए। भाजपा पार्षद और आई जी रेंज के बीच हुई इस झड़प से हर कोई हैरान रह गया !
बता दें कि जब पिछली सरकार में कहीं कहीं किसी तरह की गुंडई की बात आती थी तो बीजेपी धरना प्रदर्शन करती थी। अब उसके खुद के कार्यकर्ता कर रहे है तो चुपचाप क्यों बैठी है।