कड़ी धूप में पुलिया की दीवार है इनका बस अड्डा
इंटर स्टेट बस स्टेशन शुरू मगर प्रचार प्रसार का टोटा, मजबूरी में यात्री खुले आसमान के नीचे करते है बसों का इंतजार
बाराबंकी
एक तरफ दस करोड़ से अधिक लागत वाला इंटर स्टेट बस स्टेशन और 5 किलोमीटर के अंदर बाराबंकी डिपो मगर मुसाफिर रामनगर तिराहे पर बनी पुलिया की दीवार पर बैठने के लिए मजबूर है। तेज धूप में पानी और बस दोनों को तरसने वाले इन यात्रियो के साथ यह मजाक कई दशकों से चल रहा है। इस पूरे खिलवाड़ को समझने से पहले हम अतीत में चलते है। कई दशक पूर्व देवा तिराहे के निकट बस अड्डे पर बहराइच गोंडा और फैजाबाद जाने वाली बसे मिलती थी।
शहर के लोग यहीं से बस पर सवार होते थे। धीरे धीरे इन बसों ने अंदर जाना बंद कर दिया। बसे तिराहे से सीधे जाने लगी तर्क दिया कि अंदर जगह कम है हालांकि सच्चाई ये थी कि वो लदे माल के भाड़े में गोलमाल पकड़े जाने से डरने लगे। बस स्टेशन से जिले के भीतर दौड़ लगाने वाली अनुबंधित बसे चलने लगीं तो लम्बी दूरी की बसों ने भी मुंह फेर लिया। 15 से 20 साल तक लोग यहां से बहराइच गोण्डा फैजाबाद जाने के लिए तिराहे पर खुले आसमान के नीचे खड़े होते रहे। इधर सफेदाबाद से बाईपास बन गया तो लम्बी दूरी की बसों ने तिराहे पर भी आना छोड़ दिया।