बरेली क्राइम ब्रांच ने किया पैसे का खेल, वीडियो वायरल, एसएसपी ने किया पूरी टीम को सस्पेंड

एसएसपी ने सभी की विभागीय जांच के आदेश दे दिये है.

Update: 2020-10-14 10:47 GMT

बरेली । जिस क्राइम ब्रांच को पुलिस कप्तान की भरोसेमंद पुलिस टीम माना जाता है, जब उसी क्राइम ब्रांच टीम ने पुलिस कप्तान के भरोसे का कत्ल किया तो जिला पुलिस के हाकिम को गुस्सा आना लाजिमी है। यूपी के बरेली जनपद की क्राइम ब्रांच टीम का घूस की रकम का बंदरबाट करते हुए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर वीडियो वायरल हुआ तो सख्त मिजाज एसएसपी बरेली रोहित सिंह सजवाण ने पूरे मामले की जांच बिठायी।

आज बुद्धवार को बरेली एसएसपी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर क्राइम ब्रांच में तैनात 10 पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इन सभी खाकी वालों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। बरेली एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि 12 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुछ पुलिस कर्मी पैसों का लेनदेन करते दिख रहे हैं। ये वीडियो अप्रैल-मई माह का है।

एसएसपी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी है कि अंतरिम जांच रिपोर्ट के आधार पर क्राइम ब्रांच में तैनात उपनिरीक्षक गिरीश चन्द्र जोशी, उपनिरीक्षक अब्बास हैदर, मुख्य आरक्षी तैय्यब अली के साथ ही आरक्षी पुष्पेन्द्र कुमार, जितेन्द्र राणा, रवि शंकर, वीरेन्द्र कुमार, विकास कुमार, पुष्पेन्द्र कुमार द्वितीय तथा रवि प्रताप सिंह को वायरल वीडियो के संबंध में दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है। इन सभी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कोतवाली बरेली में क्राइम नंबर - 535/20 धारा 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है।

एसएसपी बरेली ने क्राइम ब्रांच के इन सभी पुलिस कर्मियों के इस कृत्य को अवैध एवं जनमानस में पुलिस की छवि को धूमिल करने वाला मानते हुए कहा है कि सभी के खिलाफ विभागीय जांच जारी है। दरअसल, गैर जनपद तबादला होने के बाद भी क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिस कर्मी बरेली से मोह भंग नहीं कर पा रहे हैं। आला अफसरों के पत्राचार के बाबजूद ये पुलिस कर्मी यहीं जमे हुए हैं। क्राइम ब्रांच टीम का घूस की रकम का बंदरबाट करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर पब्लिक में तरह तरह की चर्चायें हैं। फिलहाल, बरेली एसएसपी ने एक के बाद एक सख्त कार्रवाई कर घूसखोरों को साफ तौर पर संकेत दे दिए हैं कि उनके रहते घूसखोरों की दुकानें नहीं चल सकेंगी।

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