80 साल की बुजुर्ग महिला जंगलों में भूखी-प्यासी भटक रही थी। न जाने कितने लोगों की नजर उन पर पड़ी होगी लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। उन्हें इस तरह से भटकते हुए कोई दो-चार दिन नहीं हुए बल्कि पिछले 10 वर्षों से भटक रही थीं और भटकते-भटकते प्रयागराज से करीब 500 किलोमीटर दूर बरेली पहुंच गईं।
परिजनों ने भी उन्हें मृत मानकर उनकी आत्मा की शांति के लिए अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी पूरी कर ली थी। बेटा पिछले दस साल से मां को मृत मानकर श्राद्ध कर रहा था।
बरेली में वह बैरमनगर के जंगलों में पहुंची तो गांव वालों ने शेरगढ़ पुलिस को सूचना दी।
पुलिस तुरंत हरकत में आयी और चार दिन के प्रयास के बाद 6 दिसंबर को प्रयागराज से आए परिजनों के सुपुर्द किया।
बुजुर्ग मां को अपनी आंखों के सामने पाकर परिजनों की आंखें और गला भर आया। उन्होंने पुलिस का बार-बार धन्यवाद दिया।