रातों रात हटाए गए एसएसपी प्रभाकर चौधरी की हो रही पूरे प्रदेश में चर्चा, जानिए क्यों?
SSP Prabhakar Chaudhary, who was removed overnight, is being discussed in the entire state, know why
बरेली के जोगी नवादा में कावड़ यात्रा गुजरने को लेकर एक बार फिर तनाव की स्थिति पैदा हो गई। रविवार को कांवड़िया इसी इलाके से कांवड़ निकालने पर अड़े थे, जबकि दूसरे समुदाय के लोग नई परंपरा बताकर जत्था और उसके साथ डीजे ले जाने का विरोध कर रहे थे। स्थिति को देखते हुए मौके पर आरएएफ और पुलिस तैनात कर दी गई। डीएम और एसएसपी समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों से वार्ता की गई।
घटना को लेकर मुख्यमंत्री भी खासे नाराज दिखे इसी के चलते ईमानदार आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी को हटा दिया गया। प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी है और अब तक उनके तीन दर्जन के आस पास ट्रांसफर हो चुके है।
4 अगस्त 2019 सोनभद्र में नरसंहार हुआ प्रभाकर चौधरी एस पी और डीएम एस राजनलिंगम को हेलीकाप्टर से चार्ज लेने भेजा गया। बुलंदशहर स्याना कांड जिसमे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या हुई थी प्रभाकर चौधरी को यहां भी 8 दिसंबर 2018 को हेलीकाप्टर से चार्ज लेने भेजा गया था ।
प्रभाकर चौधरी का13 साल में 21वी बार तबादला हुआ है। एन एस जी ट्रेंड अफसर अंबेडकर नगर निवासी प्रभाकर चौधरी की बलिया, सोनभद्र , बनारस , मुरादाबाद , मेरठ, आगरा, बुलंद शहर जैसे शहरों में पोस्टिंग रही है। जहां भी रहे हैं आज भी लोग इन्हे याद करते है। पर रातों रात इनका हटना यूपी में चर्चा का विषय रहा। पहले तो चर्चा में रहे की बाबा एक तरफ तरफ कावडियो पर फूल बरसा रहें है तो उनका एक कप्तान इनपर लाठी बरसा रहा है। अब हटा दिया तो विरोधी बोल रहें है की ईमानदार अफसर को हटा दिया गया। वैसा "बाबा जाने मन की बात" मेरी राय तो ऐसे अफसरों को राजधानी की कानून व्यस्था सम्हालने में लगा देना चाहिए। ऐसे अफसरों पर राजनीति नही होनी चाहिए बल्कि फक्र होना चाहिए। हाँ इतना जरूर है अगर प्रभाकर चौधरी ने सख्त तेवर नहीं अपनाए होते तो बरेली में आज दंगा हो चुका होता। कप्तान की सूझ बूझ से एक बाद हादसा टल गया लेकिन क्या काम करने का ये इनाम मिला है।
कौन हैं प्रभाकर चौधरी?
प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम पारस नाथ चौधरी है। प्रभाकर चौधरी ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता हासिल की। उन्हें आईपीएस के रूप में चुना गया। यूपी कैडर में उन्हें तैनाती दी गई। प्रभाकर चौधरी ने देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर और कानपुर देहात में एसपी के पद पर काम किया है।
प्रभाकर चौधरी वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में एसएसपी का पदभार संभाल चुके हैं। बरेली के एसएसपी पद पर मार्च में उनका ट्रांसफर हुआ था। उन्होंने तब कहा था कि यह उनका 19वां जिले में तैनाती है। इससे पहले मेरठ के एसएसपी थे, वहां उन्होंने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा किया था। अन्य जिलों में प्रभाकर चौधरी सिर्फ छह से सात महीने का ही कार्यकाल पूरा कर पाए।
क्यों हुई कार्रवाई?
प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर को लेकर कई प्रकार की बातें कही जा रही हैं। बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज को कुछ लोग कारण बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि एसएसपी का बयान कार्रवाई का कारण बना है। दरअसल, लाठीचार्ज के बाद एसएसपी ने कहा था कि कांवड़ियों के बीच कुछ गलत लोग नशे में थे। उनके पास अवैध हथियार थे। एसएसपी के इसी बयान को लेकर मीडिया का एक वर्ग ट्रांसफर किए जाने की बात कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कानून व्यवस्था की बात को आधार बनाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि जिस कप्तान ने बरेली में दंगे से बचाया, उसी पर एक्शन लिया जा रहा है।
काम करने वाले अधिकारी के रूप में पहचान
प्रभाकर चौधरी को काम करने वाले अधिकारी के रूप में पहचान मिली हुई है। वह अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उनका काम करने का स्टाइल भी बिल्कुल अलग है। ईमानदार छवि के कारण उन्हें अलग पहचान मिली हुई है। 15 जून 2021 को प्रभाकर चौधरी को मेरठ एसएसपी के पद पर तैनात किया गया था। इस दौरान वे दो दिनों की छुट्टी पर चले गए। 17 जून तक वे मेरठ को छानते रहे। फिल्मी स्टाइल में उन्होंने पूरे शहर का जायजा लिया। पुलिसिया कमजोरियों को देखा। उसके आधार पर अपनी योजना बनाकर काम करने लगे।
सादगी के लिए भी मिली पहचान
प्रभाकर चौधरी की सादगी के भी सभी कायल हैं। पुलिसिया महकमें अधिकारी उनके कानपुर देहात एसपी की तैनाती का किस्सा सुनाते हैं। देवरिया से ट्रांसफर के बाद उन्होंने सरकारी गाड़ी नहीं ली। बस पकड़ा और कानपुर देहात पहुंच गए। बस स्टैंड पर उतरे। टेंपो पकड़ा और एसपी आवास पर पहुंच गए। गार्डों ने पूछना शुरू कर दिया, कौन हैं, किनसे मिलना है? जवाब में अपना परिचय दिया तो गार्ड हैरान रह गए। पीठ पर बैग लादे, बिना सुरक्षा या गाड़ी के उन्हें देखकर हर कोई उन्हें हैरत भरी नजरों से देख रहा था।
गार्ड जब नहीं माना तो उन्होंने अपना आईडेंटिटी कार्ड दिखाया। इसके बाद बंगले का गेट खोला गया। इसके बाद प्रभाकर चौधरी आवासीय ऑफिस में पहुंचे। स्टेनो के पास जाकर अपना सीयूजी सिम मांग लिया। स्टेनो का वही सवाल था, कौन हैं, सिम क्यों मांग रहे। जवाब में कहा, मैं प्रभाकर चौधरी, नया एसपी। यह सुनते ही पुलिसकर्मियेां में हड़कंप मच गया था।
क्या था मामला
इसके बाद कावड़ियों से डीजे बंद करके जत्था निकालने को कहा गया तो कांवड़ियों के साथ भीड़ में शामिल हुए अराजकतत्वों ने पहले पीलीभीत बाईपास पर जाम लगाया। उसके बाद जत्था निकालने के दौरान तमंचे से हवाई फायरिंग कर दी। इससे अफरातफरी मच गई। बवाल की संभावना टालने के लिए मौके पर मौजूद डीएम और एसएसपी ने फोर्स को लाठीचार्ज करने का निर्देश दे दिया।
पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। लाठीचार्ज में कुछ लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने कुछ अराजकतत्वों को भी गिरफ्तार भी किया है। जोगी नवादा क्षेत्र को छावनी बना दिया गया है। मौके पर पुलिस और पीएसी के साथ पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि किसी को भी नई परंपरा नहीं डालने दी जाएगी। माहौल बिगाड़ने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। अराजकतत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बीते रविवार को हो चुका है बवाल
जोगी नवादा में बीते रविवार को कांवड़ यात्रा के दौरान बवाल हो गया था। प्रारंभिक जांच में एक ओर से गुलाल फेंकने के बाद दूसरी ओर से पथराव की बात सामने आई। इस मामले में दो मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं और कई वीडियो व सीसीटीवी फुटेज से घटनाक्रम की विवेचना की जा रही है। आईजी रेंज के निर्देशन में बदायूं के एसएसपी इस मामले की जांच कर रहे हैं। इस रविवार को फिर तनाव की स्थिति बन गई थी।