बसपा के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह का निधन
25 साल तक बरेली की सियासत में सितारे की तरह चमकते रहे
बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता और बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह का लंबी बीमारी के बाद आज दोपहर लगभग 12 बजे पवन विहार स्थित आवास पर निधन हो गया. उनके निधन से इलाकावासियों और पार्टी नेताओं में शोक व्याप्त है. उनके सुपुत्र आशीष पटेल ने हाल ही में राजनीति में पदार्पण किया है.
वहीं वीरेंद्र के भाई देवेंद्र सिंह हाल ही में पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हुए थे. वीरेंद्र सिंह जिले के प्रभावशाली नेताओं में शुमार थे। मूलत: बिथरीचैनपुर के भगनापुर के निवासी वीरेंद्र सिंह ने राजनीति की शुरुआत 1995 में निर्विरोध बीडीसी सदस्य निर्वाचित होकर की थी. बाद में वह बिथरीचैनपुर के ब्लॉक प्रमुख बने।
उसके बाद वर्ष 2018 तक बिथरी की ब्लॉक प्रमुख सीट पर उन्हीं के परिवार का कब्जा रहा. वह दबंग नेता के रूप में जाने जाते थे लेकिन आम जनता के प्रति बेहद सरल रवैया अपनाते थे. वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर वह कैंट से विधायक निर्वाचित हुए लेकिन वर्ष 2012 में वह कैंट के बजाय बिथरी चैनपुर से बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और आंवला के मौजूदा सांसद (तब सपा के प्रत्याशी) धर्मेंद्र कश्यप को हराकर जीत हासिल की।
लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में वीरेंद्र सिंह भाजपा की लहर में चुनाव हार गए। हालांकि वह बसपा में ही बने रहे। उन्होंने अपने छोटे भाई देवेंद्र सिंह को भी बिथरीचैनपुर से ब्लॉक प्रमुख बनवाया। भाई महेंद्र सिंह की पत्नी नीरू पटेल को भी बसपा शासनकाल में जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया। वीरेंद्र सिंह के निधन पर पार्टी सुप्रीमो मायावती, बसपा जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह, प्रसपा नेता डा. मोहम्मद खालिद आदि ने गहरा दुख व्यक्त किया है.