शहीद जवान की तेरहवीं पर उमड़ा हुजूम, लेकिन जब ढाई वर्षीय का पुत्र अखिल पिता के चित्र को देख पापा-पापा कह एक टक निहारने लगा तो सभी लोग रोने लगे

शहीद जवान अवधेश की गुरुवार की तेरही पर जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों व सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया और आर्थिक सहायता दी।

Update: 2019-03-01 04:22 GMT

चंदौली ओ पी श्रीवास्तव 

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इसमें जनपद चंदौली के पीडीडीयू नगर क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश कुमार यादव ने भी अपनी शहादत दी। शहीद जवान अवधेश की गुरुवार की तेरही पर जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों व सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया और आर्थिक सहायता दी।

तेरही कार्यक्रम में आतंकी हमले में शहीद अवधेश की मां का वही उदास और गुमसुम सा चेहरा,आंखे बेटे की वापसी के इंतेजार सा प्रतीत हो रहा था,वहीं शाहिद की पत्नी शिल्पी का भी यही हाल रहा। तेरहंवी में शामिल होने आए लोगों की आंखे उस समय नम हो गई जब शहीद का ढाई वर्षीय पुत्र अखिल पिता के चित्र को देख पापा-पापा कह एक टक निहारने लगा। कभी हाथ जोड़कर नमन करता तो कभी टेबल पकड़कर निहारता। उस मासूम को इस बात का तनिक भी भान नहीं था कि यह क्या हो रहा है।

इस दौरान तेरही कार्यक्रम में सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव,पूर्व ब्लॉक प्रमुख बाबूलाल यादव,विधायक साधना सिंह,पूर्व विधायक अजय राय,सीआरपीएफ के जवान,बनारस रत्न व बनारस गौरव से सम्मानित डॉ सुल्तान खान सहित तमाम शिक्षक और क्षेत्रीय लोग उपस्थित थे। नियामताबाद की बीडीओ रक्षिता सिंह तेरही कार्यक्रम में सम्मिलित होकर कर्मचारियों के सहयोग से एकत्रित 51 हजार रुपए की सहायता राशि शहीद की मां के हाथों में दिया। 

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