UP NEWS: निर्दयी मां के सामने दो-दो जिगर के टुकड़ों ने आंखों के सामने फंदे पर लटक दी जान, बाद में माँ ने भी लगाई फांसी
In front of the ruthless mother, two pieces of liver hanged in front of the eyes
अब एक बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के एटा जनपद से आ रही है। जहां जिले के एक थाना क्षेत्र में दो बेटियों और इनकी मां ने शनिवार की सुबह करीब 11 बजे फंदा लगाकर जान दे दी। बड़ी बेटी का गांव के ही एक युवक से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन परिवार वाले राजी नहीं थे। नोएडा से पिता ने फोन पर पत्नी व बेटियों को डांट दिया। इसी बात को लेकर घर में कलह शुरू हुई जो यहां तक पहुंच गई।
घटना निधौली कलां थाना क्षेत्र के गांव की है। महिला के पड़ोसी ने बताया कि सबसे छोटी बेटी मुस्कान 10 वर्ष की है। उसको मां ने मोबाइल चार्ज करने के लिए गांव में ही भेज दिया था। दोपहर करीब 12.30 बजे वह जब लौटकर आई तो उसने अलग-अलग कमरों में मां अनुराधा (45), बहन संध्या (17) और शिवानी (15) के शव फंदे से लटके देखे। इसके बाद चीख-पुकार मच गई। ग्रामीण दौड़कर आए और तीनों के शव को उतारा गया।
ग्रामीणों के मुताबिक संध्या का गांव के ही सुमित से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी भी करना चाहते थे, लेकिन परिजन को मंजूर नहीं था। इसी बात से आहत होकर 26 जुलाई को दोनों ने खुदकुशी करने के लिए फंदा लगा लिया था।
ग्रामीणों ने पुलिस को भनक नहीं लगने दी और युवक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। यह बात जब पूरे गांव में फैली तो नोएडा में नौकरी कर रहे किशोरी के पिता नरेंद्र को भी जानकारी हुई। इसके बाद उसने फोन कर पत्नी और बेटियों को डांट दिया। इसको लेकर तीनों ने जान दे दी।
एक ही रस्सी के तीन टुकड़े कर बनाए मौत के फंदे
एक ही रस्सी के तीन टुकड़े करके मां-बेटियां फंदे पर लटक गईं। रस्सी कब और किसने तैयार की थी, यह तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन कपड़े की रस्सी का इस्तेमाल करके तीनों ने जान दी है। तीनों सबसे बड़ा सवाल छोड़ गई हैं कि पहले कौन फंदे पर लटका। कयास लगाए जा रहे हैं कि पहले रस्सी के काट कर टुकड़े बेटियों को दिए गए और बाद में मां फंदे पर लटकी।
कैसी निर्दयी मां थी, जो दो-दो जिगर के टुकड़ों को अपनी ही आंखों के सामने फंदे पर लटका देखती रही और बाद में खुद भी जान दे दी। छोटी बेटी से जब पुलिस ने भरोसे में लेकर पूछा तो बस इतना ही बताया कि पापा ने फोन पर मम्मी से कहा था कि जब मैं आऊं तो कोई मुंह मत दिखाना। यह बात बेटियों को भी बताई थी।
इस बात से पूरे परिवार में डर और दहशत थी कि पिता आएंगे तो जरूर कुछ न कुछ हंगामा होगा। इसको लेकर घर में डर का माहौल बना हुआ था। इसीलिए चर्चाएं रही कि पहले बेटियों को रस्सी देकर जान देने को विवश किया और बाद में मां ने भी अपनी जान दे दी। हालांकि यह देखा किसी ने नहीं कि पहले कौन फंदा पर लटका था।
जब तक फोन फुल चार्ज नहीं हो जाए आना मत
छोटी बेटी बोली कि मां ने फोन चार्ज करने के लिए घर से बाहर एक अन्य घर में भेजा था। कहा था कि जब तक फोन फुल चार्ज नहीं हो जाए तब तक मत आना। इससे साफ जाहिर है कि मां ने पहले से ही पूरी योजना बना ली थी। जब तक छोटी बेटी आएगी, तीनों जान दे चुकी होंगी। इस पूरे प्रकरण में शायद मां ने छोटी बेटी को दोषी नहीं माना। यही वजह रही कि उसको घर से बाहर भेजकर तीनों मौत की नींद सो गईं।
एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि एक किशोरी का गांव के ही युवक से प्रेम प्रसंग था। दोनों ने आत्महत्या का प्रयास 26 जुलाई को किया था। युवक की मौत हो गई, जबकि किशोरी को इलाज के दौरान बचा लिया गया। डांट और बदनामी के कारण तीनों ने आत्महत्या की है।