अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के शिला पूजन के दूसरी वर्षगांठ पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण की जानकारी साझा किया है। ट्रस्ट के मुताबिक दो वर्ष में मंदिर के निर्माण में नींव पर प्लिंथ ( फर्श ) बनाये जाने का कार्य अंतिम चरण में है। जिस पर राम मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। मंदिर के गर्भगृह पर 350 पत्थरों के ब्लॉक को जोड़ने का काम पूरा हो गया है।
5 अगस्त अयोध्या के लिए स्वर्णिम दिन माना जाता है। क्योंकि आज ही के दिन 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा दिन राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया था। जिसके बाद राम जन्मभूमि परिसर सहित पूरी अयोध्या के विकास का भी नींव रखी गई। जिसके बाद से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है। 2 वर्ष के अंदर मंदिर की आधारशिला को तैयार कर लिया गया और मंदिर के फर्श भी को मजबूती दे दी गई। अरब मंदिर निर्माण का कार्य गर्भगृह से प्रारंभ हो गया है। इसकी संपूर्ण जानकारी के लिए आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मीडिया कर्मियों को राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश की अनुमति दी और इस 2 वर्ष में पूरे कार्य का संपूर्ण विवरण भी साझा किया। तो वहीं इस दौरान ट्रस्ट ने मिठाइयां बांटकर इस वर्ष गांठ को भी मनाया।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी स्थान पर आकर के भूमि पूजन किया था। इसके बाद हमने नींव भराई का कार्य शुरू किया 300 फुट चौड़े और 350 फुट लंबे क्षेत्र की खुदाई करके यहां से मिट्टी हटाई गई। जिसके बाद इंजीनियरिंग फील मैटेरियल से एक एक फीट पर रोलर कंप्रेशन के द्वारा 56 लेयर में फाउंडेशन के रूप में खड़ा किया गया ।उसके बाद कर्नाटक ग्रेनाइट स्टोन के 17000 ब्लाक को लगाकर के प्लिंथ निर्माण के लिए 7 लेयर का कार्य शुरू किया गया। आज जो कार्य सितंबर तक पूरा होना था उसे अगस्त माह तक ही पूरा करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
वही कहा कि पिछले 1 जून को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा गर्भगृह पर पत्थरों का पूजन करते हुए अपने हाथों से रखा था । आज उसका निर्माण होते हुए 350 से अधिक पत्थर लग चुके हैं। यह हम कह सकते हैं कि सुपरस्ट्रक्चर के निर्माण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है और 2023 तक जो लक्ष्य हमारे सामने है उस समय तक भूतल के निर्माण का कार्य कर लिया जाएगा उसके बाद फिर आगे की प्रक्रिया की ओर बढ़ेंगे और इस दौरान जो मुहूर्त तय की जाएगी उस मुहूर्त में भगवान श्री राम लला को उनके जन्म स्थान पर विराजित करते हुए प्राण प्रतिष्ठा करके राम भक्तों के दर्शन प्राप्त होंगे।