भ्रष्टाचार पर चला डीएम का चाबुक, रिश्वत मांगने पर सचल दल भंग

ओवरलोड व अवैध परिवहन रोकने के लिए लगाया गया था सचल दल

Update: 2021-03-27 17:30 GMT

फ़तेहपुर । ओवरलोड व अवैध परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने सचल दल की नियुक्ति की थी। जिसमे रिटायर्ड सेना के 18 जवानों व 9 पीआरडी के जवानों को जिले के तीन अलग अलग स्थानों पर लगाया गया था। जिसमे हुसेनगंज के सातमील तिराहे तिराहे पर आठ आठ घण्टे की तीन शिफ्ट में तीन तीन कर्मी, इसी प्रकार ललौली के बंधवा व दतौली में आठ आठ घण्टे की तीन शिफ्ट में तीन कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। जिनको शासन के निर्देश पर वैतनिक रखा गया था।


मगर शासन के निर्देश पर जिन सेना के कर्मियों पर विश्वास करके भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए रखा गया। वह पहले दिन से ही नशे में टुन्न होकर ओवरलोड़ वाहनों को निकालने की दुकानदारी करने लगे। ऐसा ही एक भ्रष्टाचार का वीडियो ओवरलोड़ निकालने के नाम पर रिश्वत मांगते हुए कैमरे में कैद हो गया। जिसमें सेना के जवान ( सचल दल ) व कुछ पुलिसकर्मी ट्रक मालिको से रिश्वत मांगते नजर आए जिसको संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने कार्रवाई करते हुए सचल दल को भंग कर दिया। साथ ही एडीएम लालता प्रसाद शाक्य को पूरे मामले की जांच करने के लिए निर्देशित किया है।

- क्या बोले जिम्मेदार

ओवरलोड निकालने के नाम पर सुविधाशुल्क की मांग कर रहे कर्मी सहित सातमील के सम्बन्धित सचल दल को भंग कर दिया गया है। एडीएम को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। ओवरलोड़ संचालन किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। तहसीलदार, एसडीएम रात में निकलकर लगातार मोनिटरिंग कर रहे हैं।

अपूर्वा दुबे जिलाधिकारी

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