माफिया और खाकी के गठजोड़ से अपराध का अड्डा बन गया थरियांव थाना क्षेत्र, लूट की सीरियल घटनाओ से दहशत में लोग
विवेक मिश्र
फतेहपुर। थरियांव थाने की पुलिस इन दिनों अपने कारनामो को लेकर सुर्खियों में है। गौकसी व पशु तस्करी को लेकर पहले से ही थाना क्षेत्र कुख्यात है। हाइवे से निकलने वाले मवेशियों के वाहनो से सबसे अधिक महीनवारी इसी थाने में वसूली जाती है। दो दिन पूर्व थाने के अंदर एक कथित भाजपाई ने पुलिस के सामने अपने आप को बड़ा माफिया बताया और कहा कि मुझसे जो उलझता है उसको मैं गाड़ी से कुचलकर मार डालता हूँ। थाने के बगल में अवैध गांजा बिकने का वीडियो भी वायरल हो चुका है।
हाल ही में हसवां चौकी में तैनात दो सिपाहियों ने एकारी निवासी एक युवक के रुपये छीन लिए, बाद में उसको गांजा लगाकर जेल भेज दिया। इसी तरह थाना क्षेत्र के टीसी गांव में एक युवक को पकड़ने गई पुलिस बिना महिला सिपाही के एक बृद्धा महिला के घर मे जबरन घुस गई वहां से भी रुपये पार कर दिए। हालांकि थाना पुलिस के चर्चित सिपाहियों पर लगे आरोपो पर एसपी ने जांच बैठाई है मगर जांच की आंच में लौ जरा कमजोर है तभी तो थरियांव पुलिस इतनी मनबढ़ हो गई है कि एसडीएम कोर्ट के स्थगन आदेश को भी कूड़े के ढेर में फेंक दिया। हद तो तब हो गई जब थानेदार ने एसपी राजेश सिंह के आदेश को भी दरकिनार कर दिया।
उधर रविवार व सोमवार को लगातार हुई लूट की घटनाओ ने पुलिस सक्रियता की पोल खोल दी है। थरियांव थाना क्षेत्र के टेक्सारी बुजुर्ग मोड़ में कोर्रा सादात निवासी वाजिद से लूट हो गई। हसवां के समीप अगले दिन पटैतापुर निवासी दशरथ सिंह आदि से असलहे की नोक में चार बदमाशो ने लूट की घटना को अंजाम दिया। ऐसे में लोगों का आरोप है जब थाना क्षेत्र में पुलिस स्वयं छिनैती की घटनाओ को अंजाम दे रही है, अफसरों व कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर माफियाओ का साथ दे रही है तो उससे अपराध पर लगाम लगाने की उम्मीद रखना बेमानी है।
बता दें कि थाना क्षेत्र के बरई खुर्द निवासी कलावती व वासुदेव ने एक जमीन जरिये बैनामा खरीदी थी। जिसमे उन्होंने रकबे का तरफ स्पष्ट हो और भविष्य में जमीन में छेड़छाड़ न हो इसलिए हकबन्दी एसडीएम कोर्ट में दायर कर दी। जिसमे थाना क्षेत्र का ही एक दबंग असलहों से लैस होकर अवैध निर्माण कराने लगा। जिसकी शिकायत पीड़ित ने थरियांव थाने में की। पुलिस ने एसडीएम का मौके पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश लाने पर मदद करने की बात कही।
पीड़ित ने थानेदार को यथास्थिति बनाये रखने का आदेश जब लाकर दिया तो उन्होंने उसे कूड़ेदान में फेंक दिया और पीड़ित को थाने में बैठा लिया। पूरा दिन दोनो पीड़ित थाने में बैठे रहे और उधर अवैध निर्माण होता रहा। दूसरे दिन पीड़ित पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह से मिले और अपना दुखड़ा सुनाया। एसपी ने थानेदार को फटकार लगाते हुए तत्काल अवैध निर्माण को रोकवा दिया। दो घण्टे तक काम रुका रहा फिर अवैध तरीके से जमीन पर पक्का निर्माण होने लगा।
पीड़ितों का कहना है कि न्यायालय द्वारा यथास्थिति का आदेश व एसपी के आदेश पर भी दबंग भारी पड़ रहा है और थानेदार ने जमीन कब्जा कराने का ठेका ले लिया है। अन्यथा राजस्व टीम की नाप से पहले आखिर दबंग व पुलिस को क्या जल्दबाजी है कि पक्का निर्माण हो जाये। ऐसे में यह कहना भी बेमानी नहीं होगा कि थरियांव में थानेदार ने प्रॉपर्टी डीलिंग शुरू कर दी है अब यह डीलिंग कितना नीचे स्तर तक उतरेगी यह तो आने वाले समय के गर्त में है मगर यह निश्चित है कि पुलिस की बेहतर छवि बनाने के प्रयासों में लगे अफसरों की छवि व खाकी को दागदार करने में थानेदार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है।
- सीरियल लूट की घटनाओ से थानेदार पर लटकी तलवार
थरियांव थाने की पुलिस लगातार अपनी कारगुजारियों को लेकर सुर्खियों में है। दो सिपाहियों द्वारा की गई छिनैती की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि थानेदार पर रिश्वत लेकर अवैध निर्माण कराने का आरोप लगा है। आरोप है कि एसडीएम कोर्ट से यथास्थिति का आदेश होने के बावजूद बरई खुर्द में लगातार पुलिस की मिलीभगत से अवैध निर्माण हो रहा है। उधर दो लूट की लगातार घटनाओ से पुलिस गश्ती की पोल खुल गई है। आरोपो से घिरे थानेदार का अपराध नियंत्रण में फेल होना लूट की सीरियल घटनाओ से स्पष्ट प्रतीत होता है। ऐसे में अफसरों का आदेश नजरअंदाज करने वाले व अपराध नियंत्रण में फेल थानेदार पर कब कार्रवाई होगी यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन यह निश्चित है कि थानेदार पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है।