यमुना में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त, एक दर्जन गांवों का संपर्क टूटा
कई प्रमुख रास्ते हुए जलमग्न, गांवो में घुसा पानी
फतेहपुर । जिले में बाढ़ से एक बार फ़िर हालात बिगड़ने का ख़तरा मंडराने लगा है। इन दिनों यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही कालिंदी का पानी किनारे बसे दर्जनों गांवों में घुस गया है। जिला प्रशासन की ओर से सम्भावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिया गया है। 20 से ज़्यादा गांवों में अलर्ट घोषित किया गया है। अगले कुछ दिनों में यमुना का जलस्तर औऱ बढ़ेगा इसकी संभावना जताई जा रही है।
- इन गांवों में बिगड़े हालात..
ललौली औऱ किशनपुर क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। शनिवार को यमुना ख़तरे के निशान से 15 सेंटीमीटर से ज़्यादा ऊपर से बहने लगी है। ललौली से कोर्रा मार्ग और किशुनपुर कस्बा में रामलीला मैदान पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। बाढ़ में सबसे अधिक प्रभावित होने वाला ललौली का पलटू का पुरवा गांव एक बार फ़िर बाढ़ के पानी से घिर गया है। बस्ती की ओर बढ़ रहे पानी से ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। उधर किशनपुर क्षेत्र में किशुनपुर कस्बा से महावतपुर असहट, पहाड़पुर, मड़ौली, गुरुवल, सेंधरी, बिकौरा नरौली आदि गांवों तक पहुंचने वाले रास्तों में बाढ़ का पानी पूरी तरह से घुस जाने से रास्ता बंद हो गया है। इन गांवों में जाने के लिए ग्रामीण नाव का सहारा ले रहे हैं। किशनपुर के प्रसिद्ध फाल्गुनी गिरी बाबा के मन्दिर के किनारे तक पानी पहुँच जाने से लोग बाढ़ की चिंता में परेशान हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले 2019 में भी इसी तरह यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात बन गए थे औऱ कई गांवों में स्थित बहुत ख़राब हो गई थी।