एनजीटी कोर्ट ने राज्य पीसीबी व डीएम को किया जांच के लिए निर्देशित

अढ़ावल खंड-11 में जलधारा बांधकर अवैध खनन के मामले की पेश करें रिपोर्ट

Update: 2021-01-09 05:46 GMT

फतेहपुर । जनपद की मोरंग खदान अढ़ावल खंड- 11 में जलधारा बांध कर किये गए अवैध खनन के मामले को लगातार दैनिक भास्कर और स्पेशल कवरेज न्यूज प्रकाशित कर रहा है। दैनिक भास्कर की ही खबरों का शासन ने संज्ञान लेकर जिला प्रशासन को फटकार लगाई थी तब इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। हालांकि एक अधिकारी के संरक्षण में इस मामले में दस दिन में ही लीपापोती कर दी गई थी। जिसके बाद शिकायतकर्ता एनजीटी कोर्ट पहुंचा और प्रकरण में केस दर्ज करवाया।

इसी की सुनवाई करते हुए एनजीटी की तीन सदस्यीय प्रिंसिपल बेंच ने कानून के तहत नियमतः उचित कार्यवाई करने के निर्देश जिलाधिकारी व राज्य पीसीबी को दिए हैं। एनजीटी कोर्ट ने पीसीबी को नोडल जांच एजेंसी बनाया है। कोर्ट ने अपने आर्डर में कहा है कि अवैध खनन मामले में कार्यवाई कर इसकी रिपोर्ट दो माह के अंदर बेंच को उपलब्ध कराएं।

एनजीटी कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 09.04.2021 को होगी। कोर्ट ने ऑर्डर की काँपी ईमेल के जरिये डीएम व स्टेट पीसीबी को भेजी है। ज्ञात हो कि इस मामले की सुनवाई बीती 7 तारीख को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी।

बताते चले कि अढ़ावल खंड 11 में जलधारा बांध कर अवैध खनन किये जाने की शिकायत पर्यावरण प्रेमी विकास पांडेय ने शासन से की थी। जिस पर 24 नवंबर को तत्कालीन खनन अधिकारी मिथिलेश पांडेय व एसडीएम प्रमोद झा ने छापेमारी कर मामूली कार्यवाई की थी। इसके बाद फिर से खदान में पुल बांध कर अवैध खनन किया जाने लगा। जिसकी दोबारा शिकायत विकास पांडेय ने सबूतों के साथ खनन निदेशक व सीएम से की थी। जिसके बाद कुंभकर्णी नींद से जागे प्रशासन ने 18 दिसम्बर को खदान में छापेमारी की। छापेमारी में अवैध खनन पाया गया।

खनन अधिकारी अजीत पांडेय की तहरीर पर पट्टेधारक रत्ना जादौन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद आरोप है कि तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर हल्का जुर्माना कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास शुरू हुआ। जिसकी शिकायत विकास पांडेय ने कई प्रदेश स्तरीय अधिकारियों से की और एनजीटी में केस फाइल कर दिया।

एनजीटी कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद अब जनपद की निगाहें इस मामले पर हैं सभी को उम्मीद है कि जनपद में अवैध खनन व परिवहन को संरक्षण देने वाले तत्कालीन अधिकारी जांच के घेरे में आएंगे और उन पर शासन स्तर से कार्रवाई होगी।

Tags:    

Similar News