फ़तेहपुर । दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को लाभ पहुंचाने पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है, कोर्ट ने जांच में देरी कर आरोपी को लाभ पहुंचाने में विवेचना करने वाले इंस्पेक्टर दीप नारायण व पर्यवेक्षण में ढिलाई बरतने पर सीओ पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक जहानाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव के प्रधान राजू सचान पर आरोप लगा कि बीते साल एक नाबालिग को घर के अंदर बंद कर तमंचा दिखाकर दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। 14 वर्षीय युवती के गर्भवती होने पर परिजनों को मामले की जानकारी हुई। जनवरी में बड़े दबाव के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। आठ फरवरी को नाबालिग किशोरी ने एक बच्चे को जन्म दिया। एक जून को आरोपित प्रधान को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
आरोपित प्रधान की जमानत के लिए वकील ने अर्जी में कहा कि 90 दिनों तक पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल नहीं किया लिहाजा अभियुक्त को रिहा किया जाए। कोर्ट ने जमानत पर छोड़ते हुए कहा कि पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट का बहाना बनाकर आरोपित की मदद की है। समय बीत जाने तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई, ताकि उसे जमानत मिल जाए। पुलिस की कार्यशैली से नाराज कोर्ट ने आरोपित की जमानत मंजूर तो कर ली, लेकिन लापरवाही बरतने पर विवेचक इंस्पेक्टर दीप नारायण तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक खखरेरू के साथ ही सीओ बिंदकी के खिलाफ पुलिस महानिदेशक व एसपी को विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
बता दें की रेप की शिकार 15 साल की बच्ची अब एक अनचाहे बच्चे की बिन ब्याही मां है। सात माह के मासूम को गोद में लिए दर-दर भटक रही है। किशोरी ने बताया कि वह आरोपी के डर से कानपुर में रिश्तेदारों के यहां रह रही है। आरोपित और उसके परिजन सुलह का दबाव बना रहे हैं। पैसों का प्रलोभन और अपने भतीजे से शादी कराने की बात कह रहे हैं। बात न मानने पर जान से मारने की धमकी भी दी है।