हाथरस में यूपी पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने, बिना परिजनों के पुलिस ने पीडिता की लाश को भी जला दिया

हाथरस गैंगरेप केस: परिवार करता रहा विरोध, पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

Update: 2020-09-30 02:55 GMT

हाथरस में हुई हैवानियत के मामले में लड़की की मौत के बाद शव को बीती रात पुलिस दिल्ली से हाथरस लेकर पहुंची. तभी पुलिसवालों का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है. घरवालों की बिना सहमति और मौजूदगी के खुद पुलिसवालों ने उस लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया.

आधी रात को जब पुलिसवाले एंबुलेंस में शव लेकर हाथरस में पीड़ित के गांव पहुंचे तो लोगों ने जमकर विरोध किया. वे लोग लगातार कहते रहे कि रात में अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. घरवाले भी गुहार लगाते रहे कि उनकी बेटी के शव को सुबह तक उनके साथ रहने दिया जाए.

उनकी मांग की थी कि मुख्यमंत्री योगी आएं और उनकी सुनवाई हो लेकिन इन सबके बीच पुलिसवालों ने एक ना सुनी. वो लाश को लेकर श्मसान चले गए. खुद पुलिसवालों ने ही चिता सजाई और उसमें आग लगा दी. उस वक्त घर का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. 

ये अन्याय,अत्याचार और अमानवीयता की पराकाष्ठा हाथरस की गुड़िया का पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार कर दिया, मां-बाप बिलखते रहे, लेकिन पुलिस निर्दयी बन गई,पुलिस ने खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया, गुड़िया को इज्जत से विदा भी नहीं होने दिया,मां-बाप की चीखें और उनका बिलखना कलेजा चीर देता है। आखिर पुलिस को ये हक किसने दिया? किसको बचाने के लिए इतनी निर्लज्जता ? सत्ताधीशों के अहंकार के सामने अंग्रेजी शासन भी पनाह मांगता है। रात का घटनाक्रम और विचलित कर गया।

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