हाथरस केस में यूपी सरकार की याचिका खारिज, चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा, नहीं डालनी चाहिए आपको इस तरह की याचिका
हाथरस केस की याचिका यूपी सरकार की सुप्रीमकोर्ट ने खारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आपको इस तरह की याचिकाएं दाखिल नहीं करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में कहा था की परिवार की मांग सिर्फ दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों में बसने की है और वह मृतका के बड़े भाई को उसका आश्रित बता कर नौकरी की मांग कर रहे हैं।
याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा इस मामले को सुनने के बाद प्रतीत होता है कि यूपी सरकार को इस तरह की याचिका दाखिल नहीं करनी चाहिए।
क्या हाथरस रेप का मामला
14 सितंबर 2020 को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में कथित तौर पर एक 19 वर्षीय दलित लड़की की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि पीड़िता की हत्या तब की गई जब वह जानवरों के लिए चारा लेने के लिए निकली थी। हमले के बाद वह आंशिक रूप से पैरालाइसिस यानी लकवा ग्रस्त हो गई थी। उसे पड़ोसी जनपद अलीगढ़ शहर के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उसने अपना अंतिम बयान दर्ज कराया था और बाद में उसने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
इस केस के 4 आरोपियों में से तीन को किया कोर्ट ने बरी
इस मामले में निचली अदालत ने मार्च महीने के शुरुआती हफ्ते में पूरा करने के बाद अपना फैसला सुना दिया था। केस के चारों आरोपियों को अदालत ने रेप केस में बाइज्जत बरी कर दिया था। हालांकि इस केस के आरोपी संदीप को आईपीसी की धारा 304 दलितों से अत्याचार मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और उस पर ₹50000 का जुर्माना भी लगाया गया था।