कुशीनगर: एसपी ने शुरू किया शक्ति मिशन और शक्ति दीदी अभियान
इस अभियान के माध्यम से महिलाओं को जागरूक और समृद्ध बनाने की है योजना।
Kushinagar : पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में जनपद के समस्त थानों की एण्टी रोमियों टीमों द्वारा चलाया गया 'मिशन शक्ति' एवं 'शक्ति दीदी' अभियान।
महिलाओं से की गई वार्ता
अभियान के तहत महिलाओं/बालिकाओं से वार्ता कर ऑडियो/वीडियो/पंपलेट के माध्यम से विभिन्न हेल्पलाइन नम्बरों एवं महिला केन्द्रित विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए जागरुक किया गया।
एसपी के नेतृत्व में चलाया गया अभियान
मिशन शक्ति अभियान (फेज-04) के अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल के निर्देशन में जनपद कुशीनगर के समस्त थानों की एण्टी रोमियो टीमों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में पड़ने वाले स्कूल/कालेजों, गांवों/कस्बो, बाजारों, सार्वजनिक स्थानों, धार्मिक स्थलों आदि के आस-पास मिशन शक्ति एवं शक्ति दीदी अभियान के अन्तर्गत महिलाओं/बालिकाओं को जागरुक किया गया। अभियान के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महिलाओं/बालिकाओं के लिए समर्पित विभिन्न सेवाओं/हेल्पलाईन नम्बरों (ट्वीटर सेवा, डॉयल-112, हेल्प लाइन-181, वुमेन पावर लाइन-1090, चाइल्ड हेल्प लाइन-1098, सी0एम0 हेल्पलाइन-1076, वन स्टॉप सेन्टर-181, स्वास्थ्य सेवा हेल्पलाइन-102, एंबुलेंस सेवा-108 आदि) तथा जनसुनवाई पोर्टल, स्थानीय थाने पर महिला हेल्प डेस्क आदि के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए ऑडियो/वीडियो/पंपलेट के माध्यम से जागरुक किया गया तथा महिला केन्द्रित विभिन्न सरकारी योजनाओं (निराश्रित महिला पेंशन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, आयुष्मान योजना, महिला शक्ति केन्द्र योजना आदि) के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए जागरुक किया गया।
2020 में हुई थी अभियान की शुरुआत
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 में महिला संबंधी अपराधों को नियंत्रित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसकी थीम थी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन. तीन मुद्दों को लेकर शुरू हुआ कार्यक्रम आज मिशन शक्ति के नाम से जाना जाता है. इस कार्यक्रम ने प्रदेश में लोकप्रियता हासिल करने के साथ पूरे देश में महिला संबंधी अपराध को नियंत्रित करने और अपराधियों को सजा दिलाने वाले राज्यों में अग्रणी राज्य बन गया।
पंचायती राज विभाग के अंतर्गत 58189 ग्राम पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों एवं 75 जिला पंचायतों में महिला मुद्दों एवं सुरक्षा को केन्द्रित करते हुए बैठकों का आयोजन किया जाएगा. बालिका जन्म का अनुश्रवण निगरानी समिति के माध्यम से कराते हुए सीआरएस पोर्टल पर शत-प्रतिशत बालिका जन्म पंजीकरण कराना कर सुनिश्चित किया जाएगा।