वाह रे बेसिक शिक्षा विभाग: एडी बेसिक ने हेडमास्टर की नियुक्ति गलत ठहराई, फिर भी उसको हर माह मिल रहा वेतन
महराजगंज: बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय की महिमा अपरम्पार है। ताजा मामला मिठौरा क्षेत्र के एक एडेड विद्यालय में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति से जुड़ा है। नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत की जांच के बाद बेसिक शिक्षा के मंडल स्तर के शीर्ष अधिकारी एडी बेसिक ने प्रधानाध्यापक की नियुक्ति को अवैध ठहरा कर बीएसए को कार्रवाई का निर्देश दिया।
पर, हैरत वाली बात यह है कि बीएसए कार्यालय एडी बेसिक के पत्र पर कार्रवाई के बजाय उसे नजर अंदाज करते हुए आरोपी प्रधानाध्यापक को दो साल से सेलरी का भुगतान कर रहा है। एडी बेसिक के निर्देश के बाद भी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के पीछे यह वजह बताई जा रही है कि उसी विद्यालय में बीएसए के स्टेनो के भाई की भी नियुक्ति है। उनके खिलाफ भी नियुक्ति में मानकों की अनदेखी की शिकायत हुई थी लेकिन आरोप है कि बीएसए के स्टेनो के प्रभाव से उनके भाई की नियुक्ति की प्रभावी ढंग से जांच नही हो पाई। उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
क्या है मामला
मामला मिठौरा क्षेत्र के पंचायत पूर्व माध्यमिक विद्यालय मिठौरा का है। फरेंदा क्षेत्र के रहने वाले शिकायतकर्ता जावेद अहमद खान ने 12 नवम्बर 2020 को एडी बेसिक गोरखपुर को पत्र भेज शिकायत किया कि पंचायत पूर्व माध्यमिक विद्यालय मिठौरा के प्रधानाध्यापक की नियुक्ति अवैध/अनियमित तरीके से हुई है। शिकायत के मुताबिक नियुक्ति के समय प्रधानाध्यापक की उम्र तीस वर्ष नही थी। प्राथमिक स्तर का टीईटी उत्तीर्ण नहीं था, पांच साल का शैक्षिक अनुभव भी नहीं था उसके बाद भी आरोपित की अनियमित तरीके से मई 2016 में नियुक्ति की गई।
इस शिकायत पर एडी बेसिक ने बीएसए, विद्यालय के प्रबंधक, आरोपित प्रधानाध्यापक से आख्या मांगी। आख्या के आधार पर सुनवाई करते हुए एडी बेसिक ने आरोपित प्रधानाध्यापक की नियुक्ति को गलत ठहरा दिया। इस मामले में एडी बेसिक ने महराजगंज के बीएसए को 24 जुलाई 2021 को पत्र भेज पंचायत पूर्व माध्यमिक विद्यालय मिठौरा के प्रधानाध्यापक के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया। पर, बीएसए कार्यालय ने एडी बेसिक के पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया। एडी बेसिक की जांच में नियुक्ति गलत करार देने के मामले में कार्रवाई के बजाय विभाग आरोपित प्रधानाध्यापक को नियमित वेतन भुगतान कर रहा है।