नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए योग्य है शिक्षा मित्र और अनुदेशक, 75 शिक्षा मित्र और 10 अनुदेशक के साथ 55 अध्यापक करेंगे काम
उत्तर प्रदेश सरकार हो या फिर देश का सर्वोच्च न्यायालय हो सभी यूपी में कार्यरत शिक्षा मित्र को समय समय पर योग्य और अयोग्य मानते रहते है, जब जरूरत हो तो योग्य साबित कीजिए और जब जरूरत लगे तो अयोग्य बताकर वेतन मत दीजिए लेकिन अगर सरकार की साख बचानी हो तो फिर सबको जिम्मेदारी दो और काम कर लीजिए।
अब ताजा मामला महाराजगंज जिले का है जहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी महराजगंज ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि आप सब नामित शिक्षक , शिक्षा मित्र और अनुदेशकों को नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत 15+व्यवर्ग केनिरक्षरों एवम वालेंटियर का सर्वे करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है।
आदेश में कहा गया है कार्यक्रम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पत्रांक /समग्र शिक्षा 8261-64दिनांक 27-02-2023 के क्रम में प्रत्येक विद्यालय से एक शिक्षक को नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वेयर नियुक्त किया गया है। आप सभी सर्वेयर अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर परNILP एप्प इंस्टाल करेंगे।
आप समस्त को निर्देशित किया जाता है नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत15+वयवर्ग के असाक्षरों एवम वलेंटियरो का सर्वे/ चिंनहंकन का कार्य एक सप्ताह के अंतर्गत पूर्ण करना सुनिश्चित करे एवम लॉगिन id और पासवर्ड आपका मोबाइल नंबर और ओटीपी होगा।
अब इन अधिकारी महोदय से पूँछा जाए कि 10000 हजार 9000 हजार वाला व्यक्ति एंड्रॉइड फोन कैसे रख सकता है। रिचार्ज कौन कराएगा। उसके बाद आने जाने में होने वाला व्यय कौन देगा और जब ये इतने कम मानदेय पाने वाला व्यक्ति कैसे ये सब काम करेगा।
इस सूची में कुल टोटल ड्यूटी -140 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जिसमे शिक्षामित्र -75 ,अनुदेशक-10 ,अध्यापक -55 है।
अब इसमें लगभग दो तिहाई और एक तिहाई का मामला तय हो रहा है जबकि वेतन में सात से दस गुना तक अंतर है इतना अंतर क्यों रखा जा रहा है। आखिर सरकार कब इन पीड़ितों की सुध लेगी अब तो रोज किसी न किसी जिले में मौत भी हो जाती है।
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