नोएडा की सोसाइटी के फ्लैट में दंपति ने किया सुसाइड, शेयर ब्रोकर का काम करते थे पति-पत्नी
एक दिन पहले रिश्तेदारों को मेल पर इस दुनिया में न रहने की बात लिखी थी।
दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में एक सोसाइटी में रहने वाली दंपति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हालांकि अभी तक खुदकुशी की वजह साफ नहीं है. पुलिस अब इस बात की छानबीन कर रही है कि दंपति ने ऐसा खौफनाक कदम क्यों उठाया?
घटना नोएडा के सेक्टर 120 की है. पुलिस को सूचना मिली थी कि आम्रपाली जोडिक सोसाइटी के फ्लैट में एक दंपति की लाश पड़ी है. पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि दंपत्ति ने सुसाइड किया है. एक दिन पहले रिश्तेदारों को मेल पर इस दुनिया में न रहने की बात लिखी थी।
Read more : यूपी का नोएडा बना सुसाइड हब, आर्थिक तंगी के चलते जनवरी से अब तक 195 लोगों ने की खुदकुशी
जानकारी के मुताबिक, थाना क्षेत्र फेस-3 के अंतर्गत विनीत सिंह पुत्र अखिलेश सिन्हा और श्वेता पत्नी विनीत वर्तमान निवासी एफ 303 आम्रपाली जोडेक सेक्टर 120 पर्थला थाना फेस-3 दो दिन पहले ही किदवई नगर थाना नौबस्ता कानपुर स्थित अपने घर से आए थे। लॉकडाउन में अपने घर चले गए थे। दोनों शेयर ब्रॉकर थे और यहां रेंट पर रहते थे। बताया जा रहा है कि करीब छह साल पहले शादी हुई थी। बच्चे नहीं हैं। गुरुवार को रिश्तेदारों को मेल पर इस दुनिया में न रहने की बात लिखी थी।
पति-पत्नी ने छत में लगे पंखे के हुक से लटक कर आत्महत्या की है. इसके बाद पुलिस ने दोनों शव नीचे उतारे. कमरे की छानबीन की गई. वहां तमाम सबूत जमा किए गए. लेकिन मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. फिर पंचनामे की कार्रवाई को अंजाम देने के बाद पुलिस ने दोनों शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं.
स्थानीय पुलिस ने बताया कि पति-पत्नी दोनों ही शेयर का काम करते थे. दोनों का प्रोफाइल भी अच्छा था. लेकिन अचानक उन्होंने मौत को गले क्यों लगा लिया, इसी सवाल का जवाब पुलिस तलाश कर रही है.
नोएडा में जनवरी से लेकर अगस्त तक हुई 195 आत्महत्या
आपको बतादें नोएडा पुलिस के मुताबिक, जनवरी से लेकर चार सितम्बर तक 195 आत्महत्या नोएडा में हुई. खुदकुशी की 24 घटनाएं अप्रैल में हुईं. जबकि मई में 31 और जून के महीने में 34 लोगों ने आत्महत्या की. इसी तरह जुलाई में 30 और अगस्त में 26 खुदकुशी के मामले देखने को मिले. हैरानी की बात ये है कि मरने वालों में ज्यादातर कामगार या रोजमर्रा के कामकाज करने वाले लोग थे.