एनएसएस इविवि और यूनिसेफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय वेबीनार स्वास्थ्य एवं खुशी का हुआ आयोजन

Update: 2020-06-09 13:39 GMT

शशांक मिश्रा

कोरोना संक्रमणकाल के दरम्यान लोगों में काफी तनाव देखने को मिल रहा है!आए दिन छोटी छोटी बातों से आगबबूला होकर लोग आत्महत्या ,हत्या जैसे कठोर कदम तक उठाने से पीछे नही हट रहे! आज एनएसएस इलाहाबाद विश्वविद्यालय और यूनिसेफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में स्वास्थ्य एवं खुशी विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया!

आयोजन सचिव डॉ नीलिमा सिंह मेंटल हेल्थ काउंसलर राष्ट्रीय सेवा योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने संगोष्ठी के उद्देश्य तथा प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते स्वस्थ रहना हमारी प्रथम प्राथमिकता है और स्वस्थ रहकर ही हम खुश रह सकते हैं वहीं दूसरी तरफ खुश रहने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है ।डॉ मंजू सिंह संगोष्ठी संयोजिका एवं कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने वेबीनार में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना कोविड-19 संकट के समय जन-जन तक विभिन्न रूपों में सेवा प्रदान करके उनके स्वास्थ्य एवं खुशी के लिए प्रतिबद्ध है अतः स्वस्थ तन एवं स्वस्थ मन की महत्ता पर वेबीनार आयोजित कर विभिन्न आयु वर्ग के लोगों विशेष रुप से युवा वर्ग को इसके प्रति जागरूक करना है।

डॉक्टर अशोक श्रुति जी ने अपने वक्तव्य से वेबीनार का आरंभ करते हुए कहा की राष्ट्रीय सेवा योजना का आदर्श वाक्य नोट मी बट यू हमें प्रेरित करता है समाज के प्रति स्वार्थ रहित सेवा के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना ने कोविड-19 में तीन चरणों जनता कर्फ्यू प्रवासी भारतीयों की समस्या और लॉक डाउन के समय अपनी सेवाएं प्रदान की हैं और यथाशक्ति लोगों को संकट का सामना करने के योग्य बनाने में सहयोग दे रहे हैं। न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव ने कहा की खुशी एक मानसिकता है एक एटीट्यूट है हम छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूंढ सकते हैं सकारात्मकता और आभार व्यक्त करके हम खुश रह सकते हैं ।आपने दो कहानियों के माध्यम से भी अपनी बात कही।

डॉक्टर पुष्पा शैलेंद्र सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन होता है हम कोविड-19 में मुस्कुरा रहे हैं मुस्कुराते रहेंगे और मुस्कुराएगा इंडिया। आपके अनुसार परेशानियां जीवन का हिस्सा है और उससे जूझना और हराना हमारी सकारात्मकता पर निर्भर करता है। भारत में कोविड-19 से उबरने की पूरी क्षमता है और आने वाला समय भारत का होगा। डॉ वंदना बंसल जी ने कहा कि संकट के समय खुश रहना सरल नहीं है परंतु जरूरी है कि हम खुश रहे हमें छोटी-छोटी बातों में खुशियां ढूंढनी होगी शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योगा एवं खानपान के माध्यम से प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करनी चाहिए स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनपसंद कार्य जैसे बागवानी संगीत नृत्य अथवा रीडिंग करना चाहिए। डॉक्टर अंशुमाली शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के समय सहयोग अनुशासन भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम उत्पन्न हुआ है। खुशी भारतीय संस्कृति का अंग है और हम सामूहिकता में रहकर एक दूसरे के सुख दुख बांटते हैं। युवाओं को नियमित एवं अनुशासित जीवन की आदत डालनी चाहिए और ज्यादा नहीं तो आधे घंटे योगा करना चाहिए।

वेबीनार का अंतिम सत्र प्रश्न उत्तर का था जिसमें प्रतिभागियों विशेष रुप से युवा वर्ग ने प्रश्न पूछे, अपनी बात कही तथा उपस्थित अतिथियों ने उनके प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। डॉक्टर मंजू सिंह ने उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया। इस वेबीनार में कार्यक्रम अधिकारियों, मेंटल हेल्थ काउंसलर ,शिक्षक वर्ग तथा विद्यार्थियों सहित विभिन्न आयु वर्ग के संपूर्ण भारत से लगभग 800 लोगों ने प्रतिभागीता की तथा वेबीनार के आयोजन के उद्देश्य को सफल बनाया!वेबीनार में आमंत्रित अतिथि वक्ता न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव इलाहाबाद उच्च न्यायालय, डॉ पुष्पा शैलेंद्र सिंह निर्देशिका निदान मुंबई, डॉ वंदना बंसल निर्देशिका जीवन ज्योति अस्पताल प्रयागराज ,डॉ अशोक श्रोति, क्षेत्रीय निदेशक राष्ट्रीय सेवा योजना लखनऊ भारत सरकार तथा डॉक्टर अंशुमाली शर्मा, विशेष कार्य अधिकारी एवं राज्य संपर्क अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना लखनऊ थे।

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