प्रयागराज हत्याकांडः पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई हैवानियत, गंगा घाट पर एक साथ जलतीं चार चिताएं
प्रयागराज के फाफामऊ में दलित परिवार के चार लोगों की हत्या से पहले किस दरिंदगी भी की गई थी। मां और नाबालिक बिटिया दोनों की रेप के बाद गला दबाकर हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैवानियत सामने आई है। आगे की जांच के लिए दोनों का वेजाइनल स्वाब सुरक्षित किया गया है।
फाफामऊ के गोहरी गांव में एक दलित परिवार के दंपती, उसकी नाबालिग बेटी और बेटे की बेरहमी से गुरुवार को हत्या हुई थी। कमरे के अंदर मां बेटी के कपड़े अस्त-व्यस्त मिले थे और उनकी स्थिति देखकर ही पीड़ित परिवार ने हत्या और गैंगरेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि चारों के सिर पर गंभीर जख्म के निशान मिले थे।
इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि किशोरी के साथ पहले रेप किया गया। इसकी जांच के लिए भी आरोपियों के लार और अन्य चीजों को सुरक्षित किया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि रेप के बाद गला दबाकर उसकी हत्या की गई थी। वहीं उसके भाई को नाक और मुंह दबाकर मारा गया था। इसके अलावा चारों के शरीर पर संभल और कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या की गई थी।
प्रियंका गांधी को देख फफक पड़े परिजन
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को जब गोहरी गांव पहुंचकर सामूहिक नरसंहार केपीड़ित परिजनों से मुलाकात की तो वे उन्हें देख भावुक हो गए और पूरा परिवार प्रियंका गांधी के पांव पकड़कर रोने लगा और इंसाफ दिलाने की गुहार लगाने लगा। प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार केसाथ तकरीबन 40 मिनट तक साथ रहीं और सांत्वना देती रहीं। परिजनों ने प्रियंका को बताया कि हत्यारे तीन साल से लगातार प्रताड़ित कर रहे थे।
मृतक के भाई और एसएसबी के जवान किशन और उनकी पत्नी राधा देवी, बहन पूजा, रेखा सहित अन्य परिजनों ने बताया कि हत्यारों की ओर से लगातार उनके भाई और भाई की पत्नी, दोनों बच्चों को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा। उन्होंने बताया कि जब भी उनके भाई या उनके परिवार के सदस्य थाने जाते तो स्थानीय पुलिस मदद करने के बजाय उल्टे उन्हें ही डराती और धमकाती थी। बाद में जब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तो उन पर समझौता करने का दबाव बनाती रही।
एक साथ उठीं चार अर्थियां, ग्रामीणों की भी आंखें हुईं नम
फाफामऊ के गोहरी में मारे गए दंपति व दो बच्चों के शव अंतिम संस्कार के लिए दोपहर बाद फाफामऊ घाट पर ले जाए गए। इस दौरान एक साथ चार अर्थियां उठीं तो वहां मौजूद गांववालों की भी आंखें नम हो गईं। उधर परिजनों की चीत्कार से गांव में कोहराम मचा रहा। फाफामऊ घाट पर लालचंद ने भाई व अन्य परिजनों की चिताओं को मुखाग्नि दी तो उसकेआंसू छलक उठे। किसी तरह कांपते हाथों से उसने चारों शवों का अंतिम संस्कार किया।
सुबह 10.30 बजे पोस्टमार्टम हाउस से शव घर लाए गए तो वहां चीखपुकार मच गई। शवों को देखते ही परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। परिवार की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था तो भाइयों व अन्य परिजनों की आंखों में भी आंसू थे। मौके पर जुटे गांववाले भी गमगीन दिखे। दोपहर बाद जब एक साथ चारों अर्थियां उठीं तो एक बार फिर चीखपुकार मच गई। परिजनों का करुण क्रंदन देखकर वहां मौजूद ग्रामीण भी अपने आंसू रोक नहीं पाए।
किसी तरह नम आंखों से ही उन्होंने घरवालों को ढांढस बंधाया और तब जाकर अर्थियों को एंबुलेंस में रखकर फाफामऊ घाट पर ले जाया गया। घाट पर एक साथ परिवार के चार लोगों की चिताएं सजीं तो लोगों का कलेजा मुंह को आ गया। मृतक फूलचंद के बड़े भाई लालचंद ने कांपते हाथों से चिताओं को मुखाग्नि दी।