इलाहाबाद से प्रयागराज नाम किये जाने का मामला उलझा, SC ने UP सरकार को भेजा नोटिस

Update: 2020-01-20 06:07 GMT

इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. इलाहाबाद हेरिटेज सोसायटी ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया कि रेलवे स्टेशन, केंद्रीय विश्वविद्यालय का नाम राज्य सरकार नहीं बदल सकती है. यह अधिकार केंद्र के पास है।

हालांकि संतों ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखने का सुझाव दिया था. तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई जिसके बाद इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया. इससे पहले पिछले साल यूपी कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का फैसला किया था. फैसले को हरी झंडी मिलने के बाद इलाहाबाद आधिकारिक नाम प्रयागराज हो गया. बता दें, संतों ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव दिया था.

बतादें की उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहबाद का नाम फिर से प्रयागराज कर दिया यानी इस शहर को वही प्राचीनतम नाम फिर मिल गया है जो करीब चार सौ साल पहले था। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर मूल नाम प्रयागराज पर मुहर लगा दी और राज्यपाल भी इसे मंजूर कर चुके हैं। अब तमाम सरकारी विभागों को सूचित किया जाएगा कि वो इलाहबाद की जगह प्रयागराज नाम का ही इस्तेमाल करें। वैसे, योगी ने 14 अक्टूबर को ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि इलाहाबाद का नाम सरकार प्रयागराज करने जा रही है।

 

 

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