प्रयागराज में डेंगू से हुई पहली मौत, यूपी पुलिस के दरोगा शिखर उपाध्याय की मौत, पुलिस महकमे में शोक की लहर
शिखर उपाध्याय की मौत से पुलिस कर्मियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी.
प्रयागराज : डेंगू और वायरल फीवर का कहर थम नहीं रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में डेंगू से पहली मौत का मामला सामने आया है. सिविल लाइन इलाके के हनुमान मंदिर चौकी इंचार्ज शिखर उपाध्याय की डेंगू से मौत हो गई. दरोगा शिखर उपाध्याय को इलाज के लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां आज इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. शिखर उपाध्याय की मौत से पुलिस कर्मियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी.
इससे पहले यूपी के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ वेद व्रत सिंह ने कहा कि टीम ने जांच में पाया है कि डेंगू के डी-2 स्ट्रेन के कारण खतरा बढ़ गया है. सीरो टाइप 2 के कारण संक्रमण ज्यादा तेजी से और घातक हो रहा है.
एडीशनल सीएमओ ने कही ये बात
बहरहाल एडीशनल सीएमओ सत्येन राय का कहना है कि हर साल इस सीजन में अचानक से बीमार बच्चों की भीड़ बढ़ती है. किसी भी बीमार बच्चे को वापस न भेजा जाए, इसी वजह से एक बेड पर कई बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है. उनके मुताबिक़ तमाम लोगों का भरोसा इस सरकारी अस्पताल पर है और साथ ही जगह भरने का हवाला देकर बीमार बच्चों को वापस भेजने से उनकी ज़िंदगी को खतरा हो सकता है, इसलिए ऐसे हालात में भी इलाज किया जा रहा है.
जिम्मेदार डॉक्टरों की दलील अपनी जगह ठीक है, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर हर साल इस सीजन में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ जाती है तो सिस्टम को चलाने वाले लोग इसे लेकर कोई इंतजाम क्यों नहीं करते? हांलाकि सीएम योगी ने बच्चों में बुखार के मामले बढ़ने पर कोविड की थर्ड वेब के लिए तैयार पीकू वार्ड में उन्हें भर्ती करने का भी आदेश दिया है.