इंडस्ट्रियल नहीं इंटेलेक्चुअल इंवेस्टमेंट से सुधरेगी कश्मीर की स्थिति: प्रोफेसर रतनलाल
शशांक मिश्रा
कश्मीर समस्या के गहमागहमी के बीच आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वाधान में 'जम्मू कश्मीर समस्या के संवैधानिक आयाम' विषय पर बोलते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर रतनलाल हांगलूं ने कई महत्वपूर्ण बातो की ओर इशारा किया । कुलपति ने कहा कि कुछ लोग कश्मीर समस्या को पाकिस्तान से जोड़ते हैं, कुछ इसे राष्ट्रवाद से जोड़ते हैं तो कुछ इसे अंतरराष्ट्रीय समस्या मांनते हैं। पर कश्मीर की भगौलिक स्थिति का कोई ध्यान नहीं करता । जम्मू का भूभाग तथा कश्मीर का भूभाग तथा दोनों की संस्कृति में जो अंतर है कई बार लोग उसे नजर अंदाज कर देते हैं । उन्होंने कहा कि आजादी से पहले कश्मीर की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत थी, पर अब इंडस्ट्री के भरोसे कश्मीर को सुधारा नहीं जा सकता।अब वहां इंडस्ट्रियल नहीं इंटेलेक्टूअल इन्वेस्टमेंट की जरुरत है ।
कुलपति ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए अटल बिहारी वाजपई द्वारा उठाये गये क़दमों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया और उसे सही माना। उन्होंने कहा कि गुड़ गवर्नेन्स और पारदर्शी चुनाव के द्वारा कश्मीर की समस्या को काफी हद तक सुलझाया जा सकता है।
कुलपति के 1.30 घंटे के व्याख्यान बाद के विद्यार्थियों ने उनसे कई प्रश्न जवाब किए तथा प्रश्न उत्तर का दौर तकरीबन आधे घंटे चला। काफी समय बाद कुलपति शिक्षक की भूमिका में नजर आये।इस कार्यक्रम में राजनीति विज्ञान विभाग के समस्त शिक्षक तथा प्रो रामसेवक दुबे, प्रोफ़ हर्ष कुमार, प्रो योगेश्वर तिवारी,प्रो अनामिका राय, प्रो ए पी ओझा,प्रो पंकज कुमार, डॉ चित्तरंजन कुमार आदि उपस्थित रहे।