पूरामुफ्ती में वह अस्पताल कौन जहां इलाज के दौरान नवजात शिशुओं की होती है मौत
नवजात शिशुओं की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने मूंद रखी है आंख
प्रयागराज।*प्रयागराज जनपद और कौशांबी जनपद के बार्डर पर स्थित एक हॉस्पिटल जहां अस्पताल परिसर में नवजात शिशुओं की आए दिन इलाज के दौरान मौत हो जाती है। उक्त अस्पताल में इलाज संसाधन की कमी होने के बावजूद गंभीर बीमारी से ग्रसित नवजात शिशुओं को एडमिट कर लिया जाता है। नवजात शिशुओं को हॉस्पिटल में एडमिट करने के बाद उनकी देखरेख अकुशल अप्रशिक्षित डॉक्टरों के हांथ सौप दिया जाता है। झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से समुचित इलाज ना मिल पाने के कारण इलाज के दौरान ही अस्पताल परिसर में नवजात शिशु दम तोड देते हैं।
उक्त अस्पताल परिसर में हाई स्कूल एवं इंटर पास महिला नर्स एवं वार्ड ब्याय के द्वारा नवजात शिशुओं का इलाज करते हुए देखा जाता है। अस्पताल परिसर के आस - पास मौजूद लोगों की माने तो यह अस्पताल सिर्फ नवजात शिशुओं को इलाज देने के लिए बना है और आए दिन इस अस्पताल परिसर में नवजात शिशुओं के दम तोड़ने के बाद नवजात शिशु के परिजन चीख - पुकार के साथ विलाप करने लगते हैं बिना कानूनी कार्यवाही किए रोते - बिलखते परिजन घर चले जाते हैं। मृत शिशुओं की दर संख्या अस्पताल के रजिस्टर में अंकित नहीं किया जाता है।
सूत्रों की माने तो उक्त अस्पताल संचालक कौशाम्बी जनपद के जिला अस्पताल में सरकारी डॉक्टर के पद पर कार्यरत होने के चलते विभागीय अधिकारियों के बीच अच्छी पकड़ होने के कारण उक्त अस्पताल हमेशा जांच दायरे से बच निकलता है। उक्त अस्पताल को चिन्हित कर अस्पताल परिसर के आस - पास मौजूद लोगों ने उच्चाधिकारियों से जांच कराए जाने और सरकारी चिकित्सक पर कठोर कार्रवाई के साथ-साथ अस्पताल पर कार्यवाही की मांग की है।