संभल का एक ऐसा गांव जहां नही मनाया जाता है,ऱक्षाबंधन का त्यौहार,जानिए इस गांव की दिलचस्प कहानी

Update: 2022-08-12 07:00 GMT

पूरा देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर जश्न मना रहा तो वहीं दूसरी ओर रक्षाबंधन के पर्व को भी लोग बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मना रहे है पर यूपी के संभल जिले में एक ऐसा गांव हैं, जहां पर भाई-बहन का पावन पर्व रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता है। इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है कि किस कारण की वजह से रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता है। शहर के गांव बेनीपुरचक में रक्षाबंधन नहीं मनाने की ये परंपरा काफी समय से चली आ रही है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि अरसे से चली आ रही ये परंपरा अभी तक कायम है। इस वजह से गांव के लोगों ने रक्षाबंधन मनाना दिया छोड़ जानकारी के अनुसार शहर के गांव बेनीपुरचक में राखी का पर्व नहीं मनाया जाता है। इस गांव के लोग इसके पीछे लंबी कहानी बताते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकतम यादव जाति की आबादी वाले इस गांव के लोगों के पूर्वज मूलरूप से अलीगढ़ जिले के सिमरगई गांव में रहते थे। लोगों के अनुसार उस गांव में यादव और ठाकुर जाति के लोग साथ-साथ प्रेम से रहते थे।

रक्षाबंधन पर यादव जाति की लड़की ने अपने रिश्ते के मुंहबोले भाई एक ठाकुर लड़के को राखी बांधी और दक्षिणा में घोड़ा ले लिया। शादी के बाद लड़की राखी बांधने के लिए नहीं जाती मायके वहीं दूसरी ओर इस गांव की एक ठाकुर लड़की ने यादव लड़के को राखी बांधी और उपहार स्वरूप पूरा सिमरई गांव मांगा। जिसके बाद यादव लड़के ने अपनी जमींदारी का पूरा गांव राखी बांधने वाली मुंह बोली बहन को दे दिया। परंतु दक्षिणा में दिया जा चुका था और दी हुई चीज पर अपना कोई हक नहीं बचता। जिसके बाद सिमरई गांव के यह लोग बेनीपुरचक गांव में आकर बस गए। राखी बांधने के बदले कोई अब संपत्ति न मांग ले इस वजह से गांव के लोग रक्षाबंधन पर राखी नहीं बंधवाते हैं। इतना ही नहीं इस गांव में दूसरे गांव से शादी होकर आई युवती भी अपने भाई को राखी बांधने अपने मायके नहीं जाती है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 48 घंटे के लिए फ्री कर दिया किराया त्योहारों का देश कहे जाने वाले देश में एक ओर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर भाई बहन के पर्व रक्षाबंधन की तैयारी चल रही है। रक्षाबंधन पर बहनों को आने जाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने रोडवेज को 48 घंटे तक के लिए फ्री कर दिया है। मगर संभल में एक ऐसा गांव है, जहां रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता। भाई की कलाई सूनी रहेगी न बहन भाई को राखी बांधेगी और न ही भाई बहन से राखी बंधवाएगा।

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