उन्नाव रेप कांड में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. उन्नाव से बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया है. अब इसके बाद कानूनी तौर पर क्या होगा? उनकी विधायकी पर इस फैसले से क्या असर होगा? उन्हें कम से कम कितनी सजा होगी? आइए जानते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2013 में लिली थामस बनाम भारत संघ मामले की सुनवाई करते हुए फैसला दिया था कि अगर कोई विधायक, सांसद या विधान परिषद सदस्य किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है तो इसके चलते उसे कम से कम दो साल की सजा होती है वो तुरंत अयोग्य हो जाएगा यानी जनप्रतिनिधि नहीं रहेगा. उस योग्यता को वो तुरंत गंवा देगा.
अब कुलदीप सिंह सेंगर के साथ भी यही होगा. क्योंकि बलात्कार के मामले में अगर अदालत ने उसे दोषी करार दे दिया है तो किसी भी तरह के मामले में कम से कम पांच साल की सजा होती है. अगर उसे ये सजा हुई तो वो तुरंत विधायकी गंवा देगा.
क्या सीट पर बना रह सकता है
पहले दोषी जनप्रतिनिधि तब तक सीट पर रहता है, जब तक कि निचली अदालत से दोषी ठहराने के बाद वो तमाम ऊपरी अदालतों में अपील करता था और वहां उसका मामला चल रहा होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है.
कोर्ट ने ये भी प्रावधान किया था कि अगर कोई जनप्रतिनिधि आर्थिक से लेकर किसी भी तरह के अपराध में दोषी पाया जाता है और उसे दो साल या ज्यादा की सजा होती है तो वो सजा के दौरान पांच साल के कार्यकाल वाला कोई चुनाव भी नहीं लड़ सकता है.
कब तक कर सकते हैं अपील
हालांकि सेक्शन 8(4) के जन प्रतिनिधि कानून के तहत कोई भी जनप्रतिनिधि किसी अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद तीन महीने के भीतर ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस फैसले को पलटने के लिए कानून लाने का प्रयास किया था.