उन्‍नाव के सफीपुर कोतवाली प्रभारी ने लगा ली फांसी, कमरे ने शव लटकता देख थाने में मचा हड़कंप

पत्नी से फोन पर बात करने के बाद देर रात सफीपुर कोतवाल अशोक कुमार गुर्जर ने कोतवाली परिसर में ही आवास में पंखे से लटककर जान दे दी। नायलान की रस्सी से शव लटका देख हमराही सिपाही ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी।

Update: 2023-07-24 05:08 GMT

उत्तर प्रदेश में उन्नाव के सफीपुर कोतवाली में प्रभारी पद पर तैनात इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली. थाना परिसर में मौजूद कर्मियों ने कमरे में झांक कर देखा तो उनका शव लटकता मिला जिसके बाद चीख-पुकार मच गई. तत्काल घटना की जानकारी एसपी को दी गई.

वहीं सूचना मिलते ही एसपी मौके पर पहुंचे और कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल करने के साथ ही परिजनों को सूचना दी. पुलिस ने एसएचओ अशोक कुमार वर्मा के शव उतार कर एहतियातन फौरन सीएचसी सफीपुर ले गई जहां डॉक्टर ने निरीक्षक को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद महकमे में हड़कंप मच गया.

आपको बता दें कि आज देर रात गश्त से लौटे एसएचओ सफीपुर अशोक कुमार का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला. एसएचओ को बुलाने गए सिपाही ने कमरे में लगे पंखे के हुक से लटकता देखा तो चीख पुकार मच गई जिसके बाद थाने में मौजूद अन्य पुलिस कर्मी भी एसएचओ के आवास पहुंचे, घटना की जानकारी तुरंत पुलिस अधीक्षक को दी गई. जानकारी करने पर पता चला कि कुछ देर पूर्व करीब 11 बजे एसएचओ पुलिस कर्मियों के साथ आगामी मुहर्रम के त्योहार के चलते क्षेत्र के पीखी गांव से गश्त से वापस लौटे थे. थाने पहुंचने पर एसएचओ ने एक घंटे बाद दोबारा क्षेत्र में गस्त जाने की बात कह तैयार रहने को कहा था. एक घंटे बाद सिपाही द्वारा आवास पर बुलाने जाने पर नजारा देख सिपाही के पैरो तले जमीन खिसक गई. सूचना पर पहुंचे एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा और अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर ने घटनास्थल का जायजा लिया. वहीं शव को मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, इसके साथ ही परिजनों को भी सूचना दे दी गई है.

2 दिन पहले की थी बड़ी कार्रवाई

आपको बता दें कि वर्ष 2012 बैच आश्रित कोटे से दरोगा पद पर भर्ती हुए अशोक कुमार वर्मा पुत्र स्व. विक्रम सिंह निवासी ग्राम यहियापुर थाना नौगवां सादात जनपद अमरोहा के रहने वाले थे. शुरुवाती जुलाई माह में उनका तबादला लखनऊ रेंज के खीरी जनपद से उन्नाव कर दिया गया. पुलिस लाइन उन्नाव में आमद कर आते ही 5 जुलाई को एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा ने उन्हें सफीपुर कोतवाली प्रभारी पद की कमान सौंपी. इसके बाद से लगातार वह थाना परिसर पर तैनाती के दौरान सरकारी कार्य में सेवाएं दे रहे थे. थाना क्षेत्र का चर्चित परियर में युवती की हत्या गैंगरेप के मामले में 2 दिन पहले ही आरोपियों पर एनएसए की कार्रवाई पूरी कराई थी. चार्ज मिलने के बाद से इंस्पेक्टर अशोक कुमार थानाक्षेत्र में लगातार लॉ एंड ऑर्डर बेहतर करने और पेंडिग घटनाओं को खोलने के लिए प्रयास कर रहे थे. करीब 18 दिन में ही इंस्पेक्टर अशोक कुमार सफीपुर क्षेत्र में बढ़िया कार्य कर अधिकारियों की नजर में खुद को स्थापित किया था.

फैमली टेंशन या फिर कुछ और..?

वहीं घटना को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक शशिशेखर सिंह ने कहा कि आज रात को इस्पेक्टर सफीपुर अशोक कुमार गस्त कर के लौटे थे, इन्होंने दोबारा 12 बजे हमराहियों को गश्त के लिए बुलाया था. इसी बीच इनके परिवार से फोन आए थे, प्रथमदृष्टया लग रहा है इसी के तनाव में इनके द्वारा सुसाइड कर लिया है. फिलहाल अन्य कारणों की जांच पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद की जाएगी. एडिशनल एसपी शशिशेखर सिंह ने कहा की आखिरी कॉल किसका आया था, इसकी भी जांच की जा रही है.

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