चर्चित पत्रकार विधायक उमेश कुमार बन सकते हैं मंत्री!
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उत्तराखंड जब से बना है तब से एक अजीब सी सोच बन गई है कि जब भी सरकार का कोई अहम मंत्री या मुख्यमंत्री दिल्ली जाता है तो देहरादून में कयासों के बाजार में गर्माहट बढ़ जाती है। सुगबुगाहट बढ़ जाती है क्या होने वाला है ? ऎसी सियासी अफवाहों की कहानी कांग्रेस सरकार में भी खूब चटखारे लेकर छपती रही है और अब भाजपा सरकार में भी जब मुख्यमंत्री दिल्ली जाते हैं तो तरह-तरह के संभावनाओं के तर्क और वितर्क सामने आने लगते हैं। अब नई संभावना ने हवा देनी शुरू कर दी है।
अब मौजूदा सीएम मुख्यमंत्री धामी को ही ले लीजिए यूं तो मुख्यमंत्री दिल्ली गए थे अपने आधिकारिक कार्यक्रम में जहां उन्होंने तमाम मंत्रियों और पार्टी के आलाकमान से मुलाकात की , लेकिन क्योंकि उत्तराखंड में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति इसी बीच हुई और अटकलें लगने लगी कि दायित्व भी सौंपा जाएंगे। लेकिन अफवाहों का क्या है वह तो बिना सिर पैर के उड़ने लगती है। लिहाजा देहरादून में भी एक अफवाह आजकल जो दबी ज़ुबान उड़ रही है जिसमें सीएम धामी द्वारा एक चौंकाने वाला फैसला लिए जाने की संभावनाओं पर लोग कयास लगा रहे हैं। ये खबर उत्तराखंड कैबिनेट में शामिल होने वाले संभावित चेहरों के इर्द-गिर्द मंडरा रही संभावनाओं से जुडी है।
इसमें कोई शक नहीं कि देश के चर्चित पत्रकार और उत्तराखंड में बड़े ही नाटकीय ढंग से राजनीति में प्रवेश करने वाले खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दोस्ती बेहद मजबूत और पुरानी है। ऐसे ने समय-समय पर दोनों तरफ से ऐसी तस्वीरें भी सामने आती रही है जो बताती है कि इन रिश्तो में कितनी ताजगी और नजदीकी है। ऐसे में जब दिल्ली में सीएम धामी और खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के साथ उत्तराखंड के ब्रांड मैनेजर बनने वाले क्रिकेटर ऋषभ पंत की तस्वीर सामने आई तो लोगों ने एक बार फिर यह कहना शुरू कर दिया है कि उत्तराखंड सरकार में बाहर से समर्थन देने वाले विधायक उमेश कुमार की सत्ता में काफी प्रभावशाली एंट्री हो चुकी है। ऐसे में समय-समय पर अपने आप को सीएम धामी का शुभचिंतक और मित्र बताने वाले उमेश कुमार अगर प्रदेश की कैबिनेट में मंत्री बन जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
जी हां अंदर खाने जो बातें सामने आ रही हैं उसमें कुल जमा बात यही है कि सरकार से बाहर रहते हुए भी निर्दलीय विधायक उमेश कुमार सरकार के काफी करीब है। जिसका इशारा राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन और मुख्यमंत्री के साथ उनकी नजदीकियों के बाद सामने आई तमाम तस्वीरों ने जाहिर किया है। तो क्या यह माना जाए कि जिन खाली सीटों पर चेहरों की तलाश और उम्मीदवारी तेज है उसमें से एक चेहरा सीएम के करीबी और विश्वस्त मित्र उमेश कुमार का भी हो सकता है ? क्योंकि उमेश कुमार के निशाने पर ज्यादातर समय कांग्रेस और कांग्रेस के दिग्गज नेता ही रहते हैं ऐसे में उन्हें भाजपा के साथ अपनी मित्रता और सीएम धामी के साथ विश्वसनीयता का इनाम अगर कैबिनेट मंत्री के तौर पर मिल जाए तो कहने ही क्या ? फिलहाल यह अटकलें हैं और पत्रकारों और नेताओं के बीच चल रही सुगबुगाहट है , असल में तो वही होगा जो सीएम धामी के मन में होगा।