उत्तराखंडः बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दिया ऐसा बयान, CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस नेता से मांगी माफी
इंदिरा हृदयेश ने कहा कि उन्हें बंशीधर भगत के अमर्यादित भाषा पर बहुत दुख और कष्ट हुआ है.
उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का गैर मर्यादित बयान सामने आया है, जिसमें वह प्रदेश की वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश को "बुढ़िया" कहकर पुकार रहे हैं.
असल में, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी नेता ने कांग्रेस नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश के उस बयान का जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी के पांच से छह-विधायक उनके संपर्क में हैं. बीजेपी के अति उत्साहित प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर भगत ने सभी मर्यादाओं को ताक पर रखकर नेता प्रतिपक्ष को "बुढ़िया" कह दिया.
बंशीधर भगत ने कहा, "हमारी नेता प्रतिपक्ष कह रही हैं कि बीजेपी के बहुत से विधायक मेरे संपर्क में हैं. अरे बुढ़िया, तुझसे क्यों संपर्क करेंगे, तुझसे संपर्क करेंगे? क्या डूबते जहाज से संपर्क करेंगे?"
उनकी इस बात पर वहां मौजूद बीजेपी नेताओं ने ठहाके लगाए. बंशीधर भगत की इस अमर्यादित टिप्पणी के बाद सभा बीजेपी के कार्यकर्ताओं के ठहाकों से गूंज उठी. ऐसा लगा मानो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की यह अमर्यादित टिप्पणी बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को खूब भा गई और वह जोर-जोर से इस पर ठहाके लगाने लगे.
बंशीधर भगत के बयान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खेद जताया है. सीएम ने ट्वीट किया, आदरणीय इंदिरा हृदयेश बहिन जी, आज मैं अति दुखी हूं. महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हं जो मेरी तरह दुखी हैं. मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा व पुनः क्षमा याचना करूंगा.'
इस पर इंदिरा हृदयेश ने कहा कि उन्हें बंशीधर भगत के अमर्यादित भाषा पर बहुत दुख और कष्ट हुआ है. प्रदेश अध्यक्ष पार्टी का प्रतीक होता है, वह पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है और प्रदेश का अध्यक्ष इस तरह की भाषा का प्रयोग करें तो यह मातृ शक्ति का अपमान है. उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में भारतीय संस्कृति का दावा करने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने जिस तरह से अपमान किया है उसे देश की नारी, उत्तराखंड की नारी, पहाड़ की महिलाएं ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी.
इंदिरा हृदयेश ने कहा कि मैं मर्यादित भाषा का प्रयोग करती हूं. इसलिए मैं कोई अशिष्ट टिप्पणी नहीं करूंगी लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार को, देश की सरकार को, प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस पर नोटिस देना चाहिए और बंशीधर भगत से इसका जवाब देना चाहिए.