कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में आयोजित होगा कुंभ मेला, ऐसे होगी यात्रियों की सुरक्षा

हरिद्वार में कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है.

Update: 2020-11-24 11:27 GMT

उत्तराखंड (हरिद्वार) : कोरोना संकट के कारण महाकुंभ 2021 का आयोजन इस बार हरिद्वार किया जाएगा. महाकुंभ के आयोजन में दो महीने से भी कम का समय रह गया है. ऐसे में इसकी पूरी तैयारी एक बड़ी चुनौती है. कोरोना महामारी को देखते हुए मेले में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाएगा. हालांकि, अधिकारियों ने भव्य कार्यक्रम की संभावना से इनकार किया है. ऐसी खबर है कि कोविड-19 प्रकोप के कारण 14 जनवरी को शुरू होनेवाला भव्य कार्यक्रम रद्द किया जाएगा.

हरिद्वार महाकुंभ पर कोरोना वायरस का साया

प्रबंधन ने सरकार की तरफ से जारी कोविड-19 गाइडलाइन्स के मुताबिक मेले का आयोजन करने की बात कही है. कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा, "भीड़ का प्रबंधन सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के मुताबिक होने जा रहा है. नियमों के पालन की मॉनिटरिंग सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी. कोविड-19 के लिए 1000 प्री फैब्रीकेटेड बेड और 50 इमरजेंसी बेड का निर्माण किया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार पर्याप्त संख्या में मास्क की खरीदारी करेगी."

हरिद्वार में कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है. इससे पहले 2010 में आयोजित होनेवाले कुंभ मेला में 1.62 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी. ये पहली बार है जब मेला 11 साल बाद ही होने जा रहा है. बताया जा रहा है कि 80 साल में दुर्लभ संयोग बन रहा है. भव्य मेला का समापन अप्रैल के अंत में खत्म होगा.

14 जनवरी को शुरू होनेवाला भव्य कार्यक्रम रद्द

गंगा में प्रदूषण को काबू करना कुंभ मेला के लिए चुनौती है. प्रदूषण को काबू करने की चुनौती का जिम्मा स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन को सौंपा गया है. जल शक्ति मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 85 करोड़ रुपए राज्य सरकार को दिया है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने भी हर की पौड़ी को अपग्रेड करने के लिए फंड आवंटित किया है. हरिद्वार के नजदीक एक किलोमीटर नया लंबा घाट का निर्माण किया गया है. चांदीघाट के नाम से जाना जानेवाला घाट कुंभ के दौरान हरिद्वार घाट के दबाव को कम करेगा.

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