Success Story जानिए उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर के बारे में, जो एलएलबी है पास
एलएलबी की डिग्री होने के बाद भी रेखा ने एक टैक्सी ड्राइवर बनने का फैसला किया. यह फैसला उन्होंने किसी मजबूरी में नहीं लिया बल्कि उनकी आत्मनिर्भर बनने के फैसले ने उन्हें टैक्सी ड्राइवर बना दिया.
एलएलबी की डिग्री होने के बाद भी रेखा ने एक टैक्सी ड्राइवर बनने का फैसला किया. यह फैसला उन्होंने किसी मजबूरी में नहीं लिया बल्कि उनकी आत्मनिर्भर बनने के फैसले ने उन्हें टैक्सी ड्राइवर बना दिया. साथ ही वह लोगों को संदेश भी देना चाहती थी कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है।
Uttarakhand Female Taxi Driver Rekha: कुछ लोग कठिन परिस्थितियों के आगे अपने घुटने टेक देते हैं वहीं कुछ लोग परिस्थितियों से कभी भी हार नहीं मानते हैं। और अपने जीवन में संघर्ष करके सिर्फ अपने लक्ष्य को पाते हैं ।वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं जो कामयाबी पाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं और अपनी मंजिल को पा लेते हैं ।जहां लोग महिलाओं को कमजोर समझते हैं वही आज के समय में महिलाएं किसी से कम नहीं है।
लोग सोचते हैं कि महिलाएं केवल अपने पति या पिता पर निर्भर रह सकती हैं लेकिन ऐसी सोच को बदलने में आज कई महिलाएं सक्षम हुई हैं ऐसा ही एक बदलाव उत्तराखंड में देखने को मिला। उत्तराखंड की इस महिला ने आज सबके सामने प्रेरणा का उदाहरण बन गई है इस महिला का नाम रेखा लोहनी पांडे हैं। रेखा लोहनी पांडे की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक और परिस्थितियों के सामने घुटने न टेकने का संदेश देने वाली है। उन्होंने उपलब्धि प्राप्त कर ली है जिसके कारण परिवहन मंत्री चंदन रामदास भी उनकी प्रशंसा कर रहे हैं रेखा लोहानी पांडे के पास डबल m.a. की डिग्री है। उन्होंने मास्टर इन सोशल वर्क किया है और एलएलबी की पढ़ाई भी की है।
वकालत की डिग्री होने के बाद भी रेखा ने एक ड्राइवर बनने का फैसला किया। यह फैसला किसी मजबूरी में नहीं लिया बल्कि उन्होंने आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया। साथ ही वह अन्य महिलाओं को यह संदेश देना चाहती थी कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। आप अपने खुद की नई पहचान बनाएं और खुद को सशक्त करें रेखा का घर रानीखेत में है जहां वह अपने पति और तीन बेटियों के साथ रहती है ।वह रानीखेत से हल्द्वानी के बीच टैक्सी चलाती हैं। रेखा के पति का नाम मुकेश चंद्र पांडे है जो कि फौज से रिटायर हो चुके हैं ।
टैक्सी चलाने की नौबत तब आई जब अचानक से उनके पति की तबीयत खराब हो गई फौज से रिटायर होने के बाद उनके पति टैक्सी चलाने का काम करने लगे लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई तो टैक्सी चलाने के लिए एक ड्राइवर रखना पड़ा लेकिन उसने भी सिर्फ नुकसान किया। इसके बाद रेखा ने परिवार को संभालने पति की मदद के लिए खुद ही ड्राइविंग सीखी। उन्होंने शुरू में जो टैक्सी चलाने शुरू की तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।