मुजफ्फरपुर। बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस बुखार से मरने वालों की संख्या बढ़कर 127 पहुंच गई है। 129 बच्चे अभी इलाजरत हैं। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में शुक्रवार की शाम 04 बजे के बाद से शनिवार की सुबह 08 बजे तक तीन बच्चों की मौत हुई। एसकेएमसीएच में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर 429 हो गयी है। इनमें से 188 बच्चों को इलाज़ के बाद वापस घर भेज दिया गया है और 124 बच्चों का इलाज अब भी जारी है। इसमें 04 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। स्थानीय केजरीवाल हॉस्पिटल में आज तक पीड़ित 159 बच्चों को भर्ती कराया गया है जिनमें से 49 बच्चों को समुचित इलाज़ के लिए अन्यत्र रेफर किया गया। पांच बच्चे अभी तक भर्ती हैं। इसमें से 01 बच्चे की हालत गंभीर है।
हालांकि मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा ।बिहार में AES का कहर रोक पाने में राज्य का स्वास्थ्य महकमा अब तक विफल रहा है। ऐसे में आम लोगों के साथ ही अब सत्ता पक्ष के लोग भी यज्ञ और हवन के सहारे महाकाल को प्रसन्न करने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में कटिहार के दुर्गा स्थान मंदिर में यज्ञ और हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोगों के साथ ही बीजेपी के जिला अध्यक्ष ने भी भाग लिया। हालांकि उन्होंने कहा कि AES पर रोक लगाने के लिए सरकार आवश्यक उपाय कर रही है, मगर इस त्रासदी से निपटने के लिए वे लोग भगवान की शरण में हैं। वहीं पंडित ने कहा कि महाकाल को हवन के माध्यम से संतुष्ट कर इस प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया गया है।