पांचवें चरण में 49 सीटों चुनाव, INDIA और BJP में बढ़ा तनाव Modi | Akhilesh | Kejriwal | Rahul
बीजेपी के 32 सीटें है जबकि एनडीए के पास 42 सीटें है। वहीं इस पूरे चरण की सीटों में कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट है।
देश में 19 अप्रैल से 1जून तक 7 चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव कुछ नया ही परिणाम लेकर आने वाले है। देश में पहली बार लोकसभा के चुनाव लम्बें समय में कुछ नये ढंग से कराये जा रहे है जिसमें उत्तर प्रदेश एवं पंश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव 7 चरणों में एवं बिहार के 6 चरणों में खंड-खंड करके पहली बार होते देखे जा सकते। चुनाव अपने तरीके से कराने का चुनाव आयोग स्वतंत्र है। इस तरह के चुनाव आयोग के नये प्रयोग देश के लोकतंत्र को किस कगार पर खड़ा करेंगे यह तो आने वाला कल हीं बता पायेगा।
लोकसभा के अभी तक चार चरणों के चुनाव हो चुके है, शेष चरण बाकी है। अभी तक के हुये लोकसभा चुनाव में अधिकांशतः पहले से कम मतदान होने की चर्चा का आंकलन अपने-अपने तरीके से किया जा रहा है। जो उत्साह पहले आम चुनाव में भारतीय मतदाताओं का नजर आता था वह इस चुनाव में देखने को नहीं मिल रहा है। इस बार के अब तक हुये लोकसभा चुनाव में कम मतदान होना लोकतंत्र के प्रति आम जन की उदासिनता को अवश्य दर्शा रहा है। आगे के चुनाव का क्या रूप रहेगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता पर पुत के पांव पालने में वाली कहावत चरितार्थ होने की ज्यादा संभावना है जो सत्ता का परिदृश्य भी बदल सकता है।
इस बार के लोकसभा चुनाव में एक तरफ चार सौ पार की हुंकार है तो दूसरी ओर सत्ता बेदखल कर सत्ता पाने की लालसा है। इस कड़ी में चुनाव के दौरान कई रंग देखे जा सकते। एक दूसरे पर बेलगाम बोल की बौछार देखी जा सकती। इस मामले में कोई किसी से कम नहीं। सत्ता पक्ष अपनी ताकत के बल सत्ता पर आने की भरपूर कोशिश में लगा है तो विपक्ष अपने तरीके से सत्ता पाने की तैयारी में जुड़ा दिख रहा है। चुनाव के दौरान जांच एजेंसियों की कार्यवाही, जेल भेजने की प्रक्रिया पर उठती आवाज, विपक्षी घेरे से जांच एजेंसियों से बचने की प्रक्रिया में सत्ता पक्ष की ओर बढ़ते कदम जैसे अनेक सवाल चुनाव को एक नया मोड़ दे सकते है। इस तरह के हालात में होते लोकसभा के चुनाव अनोखे परिणाम दे सकते।
इस बार लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा विशेष रूप् से छाया हुआ है। सत्त्ता पक्ष की ओर राम मंदिर निर्माण, मंदिर में श्री राम की विशाल प्रतिमा की स्थापना, प्राण प्रतिष्ठा, के साथ हिन्दुत्व का मुद्दा, महिला आरक्षण का मुद्दा, जोर शोर से चर्चा में छाया है तो विपक्ष की ओर से महंगाई, बेरोजगारी की बात आम जन के सामने प्रमुख बनी हुई है। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष अपनी ओर से आम जन को राहत देने की तमाम घोषणाएं कर रहा है। आम जन किसकी बात पर विश्वास कर अपना फैसला सुनाता है, 4 जून के परिणाम में समाहित है। इस बार सात चरणों में हो रहा नये ढंग का लोकसभा चुनाव कुछ नया रंग लेकर आ रहा है जिसमें समाहित है लोकतंत्र का भावी भविष्य।
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में आठ राज्यों की 49 संसदीय सीटों पर 20 मई यानी सोमवार को वोटिंग होनी है. इस चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार से लेकर महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित आठ राज्यों में 695 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है. पांचवें चरण की 49 सीटों में से कांग्रेस के पास महज रायबरेली एकलौती सीट है, जबकि बीजेपी 65 फीसदी सीटों पर अपना दबदबा बनाए रखने में कामयाब रही है. ऐसे में कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी करना है तो बीजेपी के बढ़ते सियासी आधार पर पांचवें फेज में रोकने की चुनौती है.
2024 के लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीट, महाराष्ट्र की 13, पश्चिम बंगाल की 7, ओडिशा की 5, बिहार की 5, झारखंड की 3, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 1-1 सीट शामिल हैं. पांचवें चरण में 8 राज्यों की 49 सीटों पर वोटिंग के बाद 428 लोकसभा सीटों पर चुनाव खत्म हो जाएगा. पांचवें चरण के जिन 8 राज्यों की सीट पर चुनाव है, उसमें 7 राज्यों में कांग्रेस को 2019 में से एक भी सीट नहीं मिली थी, यूपी की रायबरेली की सीट ही जीत सकी थी जबकि अमेठी सीट कांग्रेस गंवा दी थी. रायबरेली और अमेठी सीट गांधी परिवार के गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन इस बार सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी रायबरेली के उतरे हैं.
किस दल का किसका दबदबा
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में जिन 49 लोकसभा सीटों पर 20 मई को वोटिंग है, 2019 में बीजेपी ने उन पर एकछत्र दबदबा जमाने में कामयाब रही थी. पिछले चुनाव में इन 49 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ एक सीट ही जीत सकी थी, जबकि बीजेपी ने 32 सीटें जीती थीं. इसके अलावा जेडीयू के एक, एलजेपी एक, शिवसेना 7, बीजेडी एक, नेशनल कॉफ्रेंस एक और टीएमसी 4 सीटें जीतने में सफल रही थी. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए 41 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि यूपीए सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी, अन्य को पांच सीटें मिली थी.
यूपी में बीजेपी की साख दांव पर लगी
पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट पर चुनाव है. लखनऊ, मोहनलालगंज, अमेठी, रायबरेली, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, कौशांबी, फतेहपुर, गोंडा, कैसरगंज, बाराबंकी और फैजाबाद सीट पर वोटिंग है. इन 14 में से 1 सीट कांग्रेस जीत सकी थी जबकि बाकी 13 सीटें बीजेपी जीतने में कामयाब रही थी. 2024 में बीजेपी ने अपने सभी 14 सीटों पर उम्मीदवार उतार रखे हैं तो 10 सीट पर सपा उम्मीदवार और चार सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी है. बसपा सभी 14 सीट पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस के पास रायबरेली सीट को बचाए रखने के साथ-साथ अपने कोटे की चार में से ज्यादातर सीटें जीतने की चुनौती होगी.
बिहार-झारखंड में कांटे की टक्कर
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार की पांच और झारखंड की तीन सीट पर मतदान है. बिहार में सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर सीट पर चुनाव है. 2019 में इन सभी सीटों पर एनडीए कब्जा जमाने में कामयाब रही थी, जिसमें जेडीयू-एलजेपी एक-एक सीट और बीजेपी तीन सीटें जीतने में सफल रही. पांचवें चरण में झारखंड की जिन तीन सीट पर चुनाव हो रहे हैं, उन सभी पर बीजेपी का कब्जा है. चतरा, कोडरमा और हजारीबाग सीट पर चुनाव है, जहां इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की मुकाबला है, बिहार के मुजफ्फरपुर और सारण की सीट पर सबकी नजर है. मुजफ्फरपुर में इस बार बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पिछली बार के सांसद अजय निषाद कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. सीतामढ़ी में जेडीयू ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है. सारण में लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में हैं. यहां पर रोहिणी आचार्य का मुकाबला राजीव प्रताप रूडी से है. हाजीपुर से इस बार चिराग पासवान खुद चुनाव लड़ रहे हैं. इन दोनों सीटों पर भी लोगों की नजर रहेगी.
महाराष्ट्र में इस बार फाइट टाइट
महाराष्ट्र में पांचवे चरण में 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव है, जिसमें धुले, डिंडोरी, नासिक, कल्याण, पालघर, भिवंडी, ठाणे, मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर पूर्व, मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम और मुंबई उत्तर मध्य सीट शामिल हैं. 2019 में इन 13 में से सात सीटें शिवसेना जीतने में कामयाब रही थी और बीजेपी 6 सीटें जीतने में सफल रही. एनडीए ने पूरी तरह से विपक्ष का सफाया कर दिया था. इस बार बदले हुए राजनीतिक समीकरण में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की फाइट मानी जा रही है, सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा बीजेपी की लगी है. शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई है, उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना की अग्निपरीक्षा है. एनसीपी शरद पवार और अजीत पवार के बीच बंट गई है. उद्धव ठाकरे और शरद पवार कांग्रेस से साथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं, जबकि बीजेपी एकनाथ शिंदे, अजीत पवार को लेकर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.
बंगाल और ओडिशा में मुकाबला
पश्चिम बंगाल की सात लोकसभा सीटों पर पांचवें चरण में चुनाव है. बंगाल में बनगांव, हावड़ा, उलूबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाग और बैरकपुर सीट पर 20 मई को मतदान है. 2019 में इन 7 में से चार सीटें टीएमसी जीतने में कामयाब रही थी जबकि बीजेपी केवल 3 सीटें ही जीत सकी थी. पिछली बार की तरह इस बार भी कांटे की फाइट मानी जा रही है. वहीं, ओडिशा के पांच लोकसभा सीटों पर पांचवे चरण में चुनाव है. इस चरण में बारगढ़, सुंदरगढ़, बोलंगीर, कंधमाल और अस्का सीट शामिल है. 2019 में इन पांच से चार सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही थी जबकि बीजेडी एक ही सीट जीत सकी थी. बीजेपी के लिए ओडिशा और बंगाल की सीटों को बचाए रखने की चुनौती है तो विपक्षी गठबंधन सेंधमारी करना चाहती है.