हिंदी पत्रकारिता दिवस: मौजूदा परिवेश में पत्रकारिता की दशा और दिशा... जिम्मेदार कौन?
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आपने बेहद सार्थक, समसामयिक और उत्कृष्ट चर्चा का आयोजन किया। सभी वक्ताओं ने बेहद संतुलित विचारों के साथ जिस तरह से भावों को अभिव्यक्त किया, वैसी चर्चा आजकल इलेक्ट्रॉनिक चैनलों से गायब हो चुकी है।
आशा है आप आने वाले समय में इसी तरह की चर्चाओं के माध्यम से जनता की आवाज बुलंद करते रहेंगे। जज्बा बरकरार रहे। पत्रकारिता जज्बे से ही परवान चढ़ती है और इसी से यह उम्मीद जगती है कि हिंदी पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल है। तकनीक और सोशल मीडिया की इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।