बंगाल में बीजेपी को बड़ा झटका, जब घोषित उम्मीदवार बोलीं में तो बीजेपी में शामिल ही नहीं हुई हूँ
West Bengal Assembly Elections के लिए BJP ने गुरुवार को 148 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की। पार्टी ने जहां दूसरे दलों से आए लगभग 20 नेताओं को टिकट देने में तरजीह दी, वहीं इसने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकल रॉय, सांसद जगन्नाथ सरकार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा और लोक गायक असीम सरकार को भी चुनावी रण में उतारा।
हालांकि, पार्टी की इसी लिस्ट में दो ऐसे नाम भी निकल जाए, जिन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़ने से साफ मना कर दिया। उल्टा, एक ने कहा- हम तो भाजपा में शामिल ही नहीं हुए। वहीं, दूसरे ने बताया, "मैं तो बीजेपी में हूं ही नहीं।" ऐसे में भगवा दल को थोड़ी सी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। जिन दो लोगों को पार्टी की सूची में बतौर प्रत्याशी शामिल किया गया था, उनमें बंगाल सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी विधायक माला के पति तरुण साहा और कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष दिवंगत सोमेन मित्रा की धर्मपत्नी शिखा हैं।
साहा ने एक स्थानीय अखबार को हैरानी जताते हुए बताया, "मैं तो तृणमूल का कार्यकर्ता हूं। टीएमसी में रहूंगा। पता नहीं, बीजेपी ने मेरा नाम कैसे इस लिस्ट में जारी कर दिया?" इसी बीच, शिखा बोलीं- मैं न तो भाजपा में शामिल हुई हूं और न ही मेरी इच्छा चुनाव लड़ने की है। बता दें कि पार्टी ने जब से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू की है तभी से पार्टी के कई क्षेत्रों के कार्यकर्ता दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट बंटवारे में महत्व मिलने से नाराज हैं और अनेक स्थानों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पार्टी के कई नेताओं ने इसके विरोध में इस्तीफा तक दे दिया है।
भाजपा इससे पहले पश्चिम बंगाल में 123 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। पार्टी ने एक सीट अपने सहयोगी दल एजेएसयू को दी है। केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी और भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया था। पार्टी ने चुनावों में कलाकारों, खेल व सिनेमा जगत की हस्तियों और विभिन्न पेशेवरों को मैदान में उतारा है।
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान संपन्न होगा। मतों की गिनती दो मई को होगी। पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल, पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 साल से सत्ता में है। इस बार भाजपा और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को राज्य की 294 में से 211 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि भाजपा को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीट और माकपा को 26 सीट मिली थीं।