क्या जहां चुनाव चल रहे हैं वहां के कोरोना आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। चुनावी रैलियों व सभाओं में जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है, क्या वह कोरोना संक्रमण फैलने के लिहाज से घातक नही है। विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव का शोर खत्म होने के बाद तस्फीर का दूसरा चेहरा दिखने की पूरी सम्भावना है।
यह सारे सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रिजाउल हक की कोरोना से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रिजाउल हक कोरोना संक्रमित हुए थे।
निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। जाहिर सी बात है कि कांग्रेसी उम्मीदवार सैकड़ों लोगों के संपर्क में रहे होंगे। जिनकी कान्टेक्ट हिस्ट्री की जांच भी सम्भव नही है।