पश्चिम बंगाल : पेगासस जासूसी मामले में ममता बनर्जी ने जांच आयोग का किया गठन, ऐसा करने वाला पहला राज्य

पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए आयोग के गठन का फैसला ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई विशेष कैबिनेट मीटिंग में लिया गया।

Update: 2021-07-26 09:29 GMT

पेगासस फोन हैकिंग मामले की पड़ताल के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। इस जांच आयोग में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शामिल होंगे। बता दें कि सीएम ममता ने यह फैसला उस समय लिया है जब उनके भतीजे और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम भी उन संभावितों की सूची में आया है, जिनका फोन पेगासस स्पाइवेयर से हैक किया गया हो।

पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए आयोग के गठन का फैसला ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई विशेष कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा, 'हम चाहते थे कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र आयोग बनाए, लेकिन केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी है, इसलिए हमने इस मामले की पड़ताल के लिए जांच आयोग गठित कर दिया।'

दो सदस्यों वाले इस पैनल की अध्यक्षता कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य करेंगे। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन भीमराव लोकुर भी इस पैनल में शामिल होंगे।

सीएम ममता ने कहा, 'बंगाल के लोगों के नाम पेगासस की टारगेट लिस्ट में मिले हैं। केंद्र सरकार सबकी जासूसी करना चाहती है। आयोग इस अवैध हैकिंग के बारे में पता लगाएगा।'

बता दें कि पेगासस स्पाइवेयर से फोन हैकिंग करने वाली लिस्ट में भारतीयों के भी नाम शामिल होने की रिपोर्ट आने के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है। विपक्ष ने संसद में भी इस मुद्दे को लेकर खूब हंगामा किया। सूची में कई मौजूदा मंत्रियों, नेताओं और पत्रकारों के नाम होने का दावा किया गया है।

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