पत्नी ने पति को कहा निकम्मा तो बन सकता है तलाक का आधार, कोलकाता हाईकोर्ट का अहम फैसला
इसके अलावा कोलकाता उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि अगर पत्नी अपने पति पर माता-पिता से अलग होने के लिए जोर डालती है या ऐसा कोई काम करती जिससे पति को माता-पिता से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़े, तो भी तलाक के लिए सुनवाई की जा सकती है।
अब पति को निकम्मा कहना पत्नी को पड़ सकता है भारी, बन सकता है तलाक का आधार, ऐसा हम नहीं, कोलकाता हाई कोर्ट का निर्णय कह रहा है।
पत्नी अपने पति पर माता-पिता से अलग होने का दबाव नहीं डाल सकती
अगर कोई पत्नी अपने पति को निकम्मा-कायर और बेरोजगार कहती है, तो यह तलाक का आधार बन सकता है. इसके अलावा उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि अगर पत्नी अपने पति पर माता-पिता से अलग होने के लिए जोर डालती है या ऐसा कोई काम करती जिससे पति को माता-पिता से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़े, तो भी तलाक के लिए सुनवाई की जा सकती है. इसके अलावा ये तलाक के लिए बेस बन सकता है।
पति को मानसिक प्रताड़ना देना भी तलाक का है आधार
न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की बेंच ने एक फैसले पर सुनवाई करते हुए कहा कि भारतीय समाज में शादी के बाद बेटा अपने माता-पिता के साथ रहता है जो कि एक आम बात है. अगर शादी के बाद किसी शख्स को उसकी पत्नी परिवार से अलग रहने का दबाव बनाती है और उसके पीछे कोई उचित कारण नहीं मिलता है तब पति इस आधार पर तलाक की अर्जी डाल सकता है. इसके अलावा पति को मानसिक प्रताड़ना देना भी तलाक का कारण बन सकता है।